पांच में से राज्यों से मिल रहे हैं भाजपा के पक्ष में संकेत
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी है। इसके बाद सभी दलों में खलबली मच गई है। चुनावी घोषणा के बाद से सभी दल अपना सियासी गुणा-भाग में जुट गए हैं। पांच राज्यों में से चार मैदानी प्रदेशों में चुनाव होने जा रहे हैं। इस बार पांचों राज्यों में भाजपा मुकाबले में है। यह सबसे बड़ी उपलब्धि भाजपा के लिए साबित हो सकती है। 4 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक होने वाले चुनाव के परिणाम 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे। चुनाव घोषणा के साथ ही सभी दलों ने एक साथ खड़े होकर पेश होने वाले आम बजट का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस सहित 16 पार्टियों ने चुनाव आयोग को अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि बजट के माध्यम से लोक लुभावनी घोषणाएं करके केन्द्र की भाजपा नीत सरकार अपनी पार्टी को नाजायज लाभ पहुंचा सकती है। चुनाव आयोग भी आम बजट को आगे खिसकाने के पक्ष में संकेत दे रहा है।इस बीच चुनावों की तिथियों की घोषणा भाजपा के लिए ‘ऑक्सीजन’ साबित हो रही है। चुनाव तिथियों की घोषणा से पूर्व मीडिया द्वारा कराए गए सर्वे में उत्तर प्रदेश में भाजपा को सबसे बड़्ी पार्टी होकर उभरने के संकेत दिए हैं और उत्तराखण्ड में सत्ता में लौटने के सिगनल मिल रहे हैं। उधर पंजाब और गोवा में मुख्य मुकाबले में आम आदमी पार्टी के हाथपांव अभी से फूल रहे हैं। उनके नेताओं ने कहा कि दोनों राज्यों में पहले चरण में एक साथ चुनाव कराए जा रहे हैं। इससे तीन दिन पूर्व आम बजट पेश किया जा रहा है। इससे पार्टी को करारा झटका लग सकता है। उधर यूपी में सपा के एकजुट होने से सबसे बड़ा उल उभर कर आ सकता था लेकिन दो फाड़ होने के कारण भाजपा ही सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। हालांकि मुस्लिम और दलितों के गठजोड़ से सत्ता में आने का सपना देख रही है बसपा। उधर समाजवादी पार्टी का अखिलेश गुट कां्रग्रेस से हाथ मिलाकर सत्ता में आने की रणनीति बना रहा है।
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