विमुद्रीकरण या नोटबंदी से सिर्फ गरीबों को ही फायदा नहीं होगा बल्कि कानून कायदा मानने वाले हरेक व्यक्ति को लाभ होगा इसके लिए आपको ईमानदारी बरतनी होगी पुरानी तिकड़म छोडऩी होगी।यह कहना है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का। अब देखते हैं कि प्रधानमंत्री ने अपनी घोषणा से जहां गरीबों को लाभ पहुंचाया है वहीं अमीरों को बैंक के लोन के ब्याज में हुई कमी से उससे अधिक लाभ मिलने जा रहा है। स्टेट बैंक सहित कई बैंकों द्वारा कम की ब्याज दरों से 20 से 25 साल तक की लंबी अवधि के लिए कर्ज लेने वाले लोगों को इससे फायदा होगा। एक साथ ब्याज दर में 90 बेसिस पॉइंट्स की कटौती किए जाने से 25 साल के होम लोन का समय सीधे तौर पर करीब 5 साल कम हो जाएगा। ऐसे में 20 साल का लोन करीब 3 साल कम हो जाएगा। ब्याज दर में कटौती होने पर बैंकों की ओर से आमतौर पर ईएमआई की राशि में कमी नहीं होती है, लेकिन नए रेट्स के मुताबिक किस्तों की संख्या में जरूर कमी हो जाती है। 50 लाख रुपये का लोन 25 साल का है और यदि ब्याज दर 9.15 पर्सेंट की बजाय 8.25 पर्सेंट होता है तो उसे हर महीने 3,000 रुपये से ज्यादा की बचत होगी। ब्याज दर 9.15 पर्सेंट है तो आपको पूरे 300 महीने तक 42,475 की ईएमआई भरनी पड़ती। लेकिन अब इस रेट के 8.25 पर्सेंट होने पर आप 242 महीने में लोन से फ्री हो जाएंगे। इस तरह आपके लोन की ईएमआई 58 महीने कम हो जाएगी। इस तरह से आपको 24 लाख, 63 हजार और 150 रुपये का सीधे-सीधे लाभ होगा। अब क्यों न कहें नोटबंदी जिंदाबाद। 50 लाख का लोन कोई गरीब आदमी या मध्यम वर्ग का व्यक्ति नहीं ले सकता। इस तरह के लोन लेने के लिए बैंकों को आय का स्रोत भी इतना बड़ा दिखाना पड़ता है। इसलिए निश्चित रूप से अमीर आदमी को इससे बहुत अधिक लाभ होगा।
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