विभाजन की कगार पर पहुंची समाजवादी पार्टी में चल रहे रोज नए-नए इमोशनल ड्रामा के क्या मायने हो सकते हैं? पार्टी पर कब्जे के लिए पिता-पुत्र आमने सामने दिख रहे हैं लेकिन पुत्र की ओर से पिता प्रेम और इमोशनल ड्रामा किया जा रहा है। वहंीं सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव अपनी धुन में लगे हुए हैं। वे राम गोपाल के खिलाफ नोटिस भिजवा रहे हैं और अखिलेश यादव से कुछ नहीं कह रहे हैं। उधर अखिलेश पिता प्रेम का इमोशनल ड्रामा दिखा रहे हैं। जहां चुनाव आयोग के समक्ष अखिलेश का पलड़ा भारी देख मुलायम सिंह झूकने को तैयार हैं वहीं अखिलेश यादव ने पिता से मात्र तीन माह के लिए पार्टी और चुनाव चिन्ह साइकिल मांगी है। तीन माह के बाद सभी पद त्याग कर पिता भक्ति करने को तैयार हैं जबकि मुलायम सिंह भी झुकने का संकेत दे रहे हैं। सपा नेता यह अच्छी तरह से जान लें कि ये पब्लिक है आपका सारा खेल देख रही है।
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