आम बजट को लेकर सरकार बहुत उत्साहित है और विपक्षी दल काफी हतोत्साहित हैं। इस बीच पूर्व चुनाव आयुक्त ने कानूनी पेंच बताकर बताई हैं कि क्या हो सकता है? उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर व गोवा की विधानसभा चुनावों से पूर्व पेश किए जाने वाले बजट को लेकर विपक्षी दलों ने आपत्ति दर्ज कराई है कि सरकार चुनावी घोषणा करके मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है। इसका लाभ केन्द्र में सत्तारूढ़ दल को मिल सकता है। इन विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से भी शिकायत की है और चुनाव आयोग ने सरकार से तर्क मांगा है। फिलहाल चुनाव से तीन दिन पहले बजट पेश करके सरकार अवश्य ही लॉलीपाल दे सकती है। इस पर पूर्व चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने द वायर को दिए अपने साक्षात्कार में कहा है कि यदि सरकार चुनाव आचार संहिता का पालन करती है तो उसे करों में कटौती व अन्य लाभकारी घोषणाएं नहीं करनी चाहिए। इसके बाद यदि वह ऐसी घोषणाएं करती है जिनसे चुनाव प्रभावित देश की कुल आबादी के पांचवे हिस्से की जनता को चुनावी लाभ मिल सकता है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के पास पूर्ण अधिकार होगा कि इस मामले को अदालत में चुनौती दे सकते हैं। इसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।
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