नोटबंदी के निर्णय से होने वाले लाभ और हानि को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं रोजाना सामने आतीं हैं। नोटबंदी ने सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान को काफी आगे बढ़ा दिया है, हालांकि कारोबारी नोटबंदी को कोसते नजर आ रहे हैं, इसबीच सर्वेक्षण से मिली जानकारी के अनुसार नोटबंदी के बाद 25,000 करोड़ रुपये का नकदी आधारित लेनदेन डिजिटल हो गया है। भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुंसधान विभाग ने 30 दिसंबर 2016 से 3 जनवरी 2017 के दौरान अपने सर्वेक्षण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। इसके अनुसार 15 प्रतिशत लेनदेन अब मोबाइल वॉलेट व प्वाइंट ऑफ सेल मशीनों जैसे इलेक्ट्रॉनिक भुगतान तौर-तरीकों के जरिये हो रहे हैं। एसबीआई रिसर्च ने रपट में कहा है कि इसका मतलब यह है कि बीते दो महीने में नकदी आधारित 25,000 करोड़ रुपये का लेनदेन अब डिजिटली हो रहा है। अगर ऐसा है तो यह अच्छी शुरुआत है। दूसरी ओर नोटबंदी के साइड इफेक्ट यह बन रहा है कि कारोबार में सुस्ती आ रही है। नोटबंदी के बीच दिसंबर 2016 में वाहन-बिक्री 18.66 प्रतिशत घट गई। पिछले 16 साल में वाहनों की बिक्री में यह सबसे बड़ी मासिक गिरावट है। ऑटोमोबाइल कंपनियों के संगठन सियाम के ताजा आंकड़ों के अनुसार स्कूटर, मोटरसाइकिल और कारों सहित ज्यादातर वाहनों की श्रेणी में दिसंबर में भारी गिरावट दर्ज की गई। गत 8 नवंबर को 1,000 और 500 के पुराने नोटों का चलन बंद करने की सरकार की घोषणा के बाद जनता के पास नकदी की तंगी से वाहन बिक्री पर इसका असर दिख रहा है।
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