नोटबंदी के निर्णय से बैंकों की चांदी हो गई। उनको जनता द्वारा बचत के लिए जमा की गई राशि में अपना ब्याज घटाने का अवसर मिल गया है। वहीं अब नोटबंदी से परेशान लोगों को राहत देने के नाम पर आगामी बजट में अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार लोअर और मिडल क्लास को राहत देने के नाम पर रियल एस्टेट क्षेत्र को चमकाने की कोशिश करेंगे प्रधानमंत्री। प्रधानमंत्री ने नव वर्ष की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में आवासीय ऋण के ब्याज में छूट देने का जो ऐलान किया है। उसका दायरा बढ़ा दिया है। पहले यह योजना महिलाओं,एससी-एसटी और आर्थिक रूप से कमजोर ईब्ल्यूएस के लिए लागू थी। इस योजना की लिमिट 6 लाख रुपये प्रतिवर्ष आय थी। मोदी सरकार सबका सपना घर हो अपना योजना को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के विस्तृत रूप में नई योजना के तहत आय की सीमा बढ़ा कर 12 लाख रुपये और 18 लाख रुपये सालाना कर दी है। इससे मिडल क्लास के साथ सरकारी नौकरी वाला व्यक्ति आसानी से लाभ उठा सकेगा। सरकार का प्रस्ताव है कि 12 लाख रुपये आय वाला व्यक्ति 9 लाख रुपये तक का लोन लेता है तो उसे 4 प्रतिशत की छूट सरकार अपने हिस्से से देगी। और 18 लाख रुपये की आय वाले व्यक्ति को 12 लाख रुपये तक लोन पर 3 प्रतिशत की छूट की सुविधा उपलब्ध करायेगी। इस तरह से आवासीय योजना को पंख लगेंगे और रियल एस्टेट का कारोबार चल निकलेगा। इससे साफ सुथरा काम करने वाले कारोबारियों को लाभ मिलेगा।। दूसरी तरह से काम करने वालों को ीाी इसका लाभ परोक्ष रूप से मिलेगा।
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