समाजवादी पार्टी में चल रहे पारिवारिक द्वंद्व को पीछे छोड़ते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अगले सप्ताह से चुनाव प्रचार के लिए कमर कस ली है। अखिलेश कैम्प के जानकार लोगों का कहना है कि अखिलेश यादव न तो पारिवारिक द्वंद्व में उलझने वाले हैं न ही चुनाव चिन्ह को लेकर परेशान हैं बल्कि अपनी पुरानी रणनीति के तहत प्रदेश की जनता से अधिक से अधिक रूबरू होने का प्रयास करेंगे। इस बार उनके साथ उनकी पत्नी श्रीमती डिम्पल यादव भी अहम भूमिका निभाने वालीं हैं। सपा के इस खेमें ने चुनाव लडऩे का ब्ल्यू प्रिंट पहले से ही तैयार कर लिया है और उसी के आधार पर काम किया जा रहा है। अखिलेश यादव के नजदीकी माने जाने वाले सुनील सिंह यादव ने इकोनामिक टाइम्स को बताया कि अखिलेश यादव ने पहले ही 1 जनवरी को अपने 403 प्रत्याशियों की सूची जारी कर रखी है। अब वह अगले सप्ताह से प्रतिदिन कम से कम पांच रैलियों को संबोधित करेंगे। उनका कहना है कि पार्टी का लक्ष्य अेिखलेश यादव की कम से कम एक रैली प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में हो। उन्होंने बताया कि भाजपा प्रत्येक बूथ पर कम्प्यूटर के माध्यम से अपना प्रचार कार्य कर रही है जबकि सपा का कैडर जमीनी स्तर पर लोगों को आकर्षित कर रहा है। सपा का यह प्रचार कार्य बेजोड़ हैं और इसका सीधा लाभ पार्टी को मिलेगा।
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