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Thursday, 24 November 2016

मनमोहन सिंह ने किया नोट बंदी के फैसले पर तीखा प्रहार

व्यवस्थित लूट बताकर दी चुनौती,पीएम बताएं बैंक में जमा पैसा निकालने वाला देश कौन

अर्थशास्त्री से राजनीतिज्ञ बने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज संसद में प्रधानमंंत्री नरेन्द्र मोदी के नोट बंदी के निर्णय पर आंशिक सहमति प्रकट करते हुए कहा कि हम नोटबंदी के फैसले के खिलाफ नहीं है लेकिन इसे लागू किए जाने के तरीके के खिलाफ हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में श्री सिंह ने कहा कि पीएम कह रहे हैं कि यह कदम आतंकवाद को रोकने के लिए उठाया गया है, मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के रुख से पूरी तरह असमहत नहीं। नोटबंदी लागू करने में बदइंतजामी हुई। श्री सिंह ने कहा कि हर दिन नए नियम बनाना सही नहीं है। पीएमओ फेल रहा लागू करने में इससे लोगों को काफी परेशानी हुई तथा संबंधित प्रशासकीय तंत्र को खूब मनमानी करने की छूट भी मिली है।
श्री सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि 50 दिन दीजिए लेकिन गरीब लोगों के लिए 50 दिन बहुत होते हैं। गरीबों के लिए 50 दिन भी पीड़ादायक है। आम लोगों को नोटबंदी से तकलीफ हुई है। उन्होंने कहा कि आठ नवंबर को नोट बंदी के फैसले के बाद से 60-65 लोगों ने अपनी जानें गंवा दीं, इससे देश के लोगों का देश की बैंकिंग और करंसी सिस्टम में विश्वास कम हुआ होगा। अपने तीखे प्रहार में  पूर्व मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार के नोटबंदी को ‘व्यवस्थित तरीके से की जा रही लूट’ बताया। उन्होंने खुली चुनौती दी कि क्या पीएम मोदी एक भी ऐसे देश का नाम बता सकते हैं जहां लोगों को उनका बैँक में जमा पैसा निकालने से रोका जा रहा हो। उन्होंने आशंका जतायी कि नोट बंदी के निर्णय से कृषि, छोटे उद्योगों और असंगठित क्षेत्र के लोगों को नुकसान होगा। जीडीपी में 2 पॉइंट की गिरावट आ सकती है।



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