प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोट बंदी को अग्नि परीक्षा करार देते हुए कहा कि आम आदमी को थोड़ी बहुत परेशानी अवश्य हुई होगी लेकिन इससे देश जीत जाएगा। इससे पूर्व नोट बंदी के फैसले की जमकर तारीफ करते हुए समाज सुधारक अन्ना हजारे ने भी कहा था कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है। इसके लिए देश की जनता तैयार रहे।
उत्तर प्रदेश के आगरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने पहले ही दिन फैसले की घोषणा करते वक्त कहा था कि यह समय फैसले को शुरू करने का है। इससे लोगों को थोड़ी असुविधा हुई और तकलीफ भी मिली लेकिन मेरा विश्वास है कि राष्ट्र इस अग्नि परीक्षा में खरा उतरेगा। उन्होंने कहा कि मैंने तो 50 दिन मांगे हैं, पहले ही दस दिनों में बैंकों में 5000 करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं। ये बैंकें इस पैैसे को अपने काम में लाएंगी तो बाजार में और रौनक आएगी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय मैंने किसी को परेशान करने के इरादे से नहीं लिया है बल्कि आने वाली पीढ़ी की सुविधा के लिए लिया है।
श्री मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी पर प्रहार करते हुए कहा कि करोड़ों रुपयों के चिट फंड घोटाले में फंसे राजनीतिज्ञ हमो इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहाकि पिछली सरकार काले धन के मामले में चुप्पी साधे रही, इसका नतीजा यह हुआ कि जनता ने उसे सत्ता से बाहर कर दिया। परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने लोगों को चेतावनी दी कि जन धन योजना के खातों को अवैध मुद्रा रखने के लिए इस्तेमाल करने की कतई इजाजत न दें। उन्होंने कहा कि मैें जानता हूं कि जो लोगो मेरे खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, वो लोग चिट फंड के गोरखधंधे में लिप्त हैं। क्या देश के लोग जानते हैं कि चिट फंड का कारोबार कैसे होबा है, लाखों करोड़ों गरीबों से चिट फंड में पैसा लगवाया जाता है और बाद में नेताओं के संरक्षण में करोड़ों रुपया साफ कर दिया जाता है। सैकड़ों परिवारों के मुखिया आत्म हत्या करने को विवश हुए हैं। इतिहास देखिये क्योंकि यह सवाल मेरे दिल को कचोट रहा है।
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