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Saturday, 19 November 2016

घटने लगी प्रापर्टी की दरें :नोट बंदी की घोषणा का असर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत आठ नवम्बर को 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने से भले ही देश में अफरातफरी की खबरें फैलीं होंं। सुप्रीम कोर्ट दंगे की आशंका जता रही हो लेकिन इसके अच्छे परिणाम गरीबों एवं मध्यम वर्ग के पक्ष में आने लगे हैं। महाराष्ट्र में प्रापर्टी की दरें 35 प्रतिशत तक गिर गईं हैं। सिक्के का दूसरा पहलू यह अवश्य है कि प्रापर्टी के विक्रेताओं को अवश्य ही नुकसान हो रहा होगा लेकिन वक्त की नजाकत को देखते हुए वही प्रापर्टी बेचने का फैसला करेगा जो आने वाले समय में अपनी प्रापर्टी बचाने की जुगत न कर पाएगा। उसे यही आशंका है कि कहीं मोदी जी 30 दिसंबर तक प्रापर्टी के लिए कोई नया कानून न ले आएं।
जानकार सूत्रों ने बताया कि तीन साल से आसमान छू रही प्रापर्टी की कीमतों में अचानक 35 प्रतिशत की गिरावट आ गई है। पुणे के इंस्पेक्टर जनरल आफ रजिस्ट्रेशन एण्ड कंट्रोलर आफ स्टैम्प के कार्यालय के आंकड़ों पर नजर डालने पर यही निष्कर्ष निकलता है कि महाराष्ट्र में प्रापर्टी की दरों में 35 प्रतिशत की मंदी आ गई है। इन आंकड़ों के अनुसार पूरे महाराष्ट्र में प्रापर्टी का रजिस्ट्रेशन आठ नवंबर से पहले से 35 प्रतिशत कम दरों पर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नोट बंदी की घोषणा किए जाने के साथ ही मुंबई, पुणे और नासिक में प्रापर्टी की कीमतें प्रभावित हुईं हैं।
 पुणे के इंस्पेक्टर जनरल आफ रजिस्ट्रेशन एण्ड कंट्रोलर आफ स्टैम्प एन रामास्वामी ने संवाददाताओं को जानकारी दी कि महाराष्ट्र में महीने के आठ दिनों में पहले जहां 5,297 प्रापर्टी की खरीद-बिक्री की रजिस्ट्री होती थी वहं अब 9 नवम्बर से 17 सितम्बर के सप्ताह में घटकर मात्र 3,461 रजिस्ट्रियां हुईं हैं। श्री रामास्वामी ने बताया कि अप्रैल से अक्टूबर तक औसतन 6,409 बयनामें किए जाते थे। उन्होंने बताया कि अप्रैल से अक्टूबर तक का औसत राजस्व 64 करोड़ रुपये प्रतिदिन मिलता था। अब नवम्बर माह में प्रतिदिन औसत मात्र 31.22 रुपये का ही राजस्व मिल पा रहा है। महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगान्तिवार ने कहा कि नोट बंदी का असर सभी सेक्टरों पर पड़ रहा है। रियल इस्टेट डेवलपर्स रुनवाल ग्रुप के निदेशक संदीप रुनवाल, लाइसेस फोरास के मैनेजिंग डाइरेक्टर पंकज कपूर, जोन्स लांग ला सेल इंडिया के चेयरमैन एण्ड कंट्री हेड अनुज पुरी ने एक स्वर से स्वीकारा है कि नोट बंदी के कारण प्रापर्टी के दाम तेजी से गिर रहे हैं और खरीददारों में भारी कमी आ रही है।

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