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Sunday, 20 November 2016

नोटबंदी से आतंकवाद की कमर टूटी: पाकिस्तानी लेखक

जयपुर। पाकिस्तान में जन्मे कनाडाई लेखक तारिक फतेह ने आज कहा कि पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों का चलन बंद करने के मोदी सरकार के फैसले से भारत के खिलाफ पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और जाली नोटों का आना बंद हुआ है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित कार्यक्रम जयपुर डायलाग के दौरान फतेह ने कहाकि यह बहुत अच्छा फैसला है। डिजिटल दुनिया में पहली बार नोटों का चलन बंद हुआ है और लोगों की जिन्दगी बदल देगा।
अपने कटु पाकिस्तान विरोधी विचारों के लिए प्रसिद्ध लेखक ने कहा कि इस कदम से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को बहुत धक्का लगा है क्योंकि आतंकी गतिविधियों के लिए धन और जाली नोट बंद हो गए हैं। संवाद कार्यक्रम के दौरान एक श्रोता के प्रश्न का जवाब देते हुए तारिक फतेह ने कहा कि ब्लूचिस्तान पाकिस्तान से अलग होने के लिये संघर्षरत है और वह तभी पाकिस्तान जाना चाहेंगे। उन्होंने कहा पाकिस्तान सम्मान पाने का हकदार नहीं है और वह तभी पाकिस्तान जाना चाहेंगें जब पाकिस्तान टूट जाये और ब्लूचिस्तान स्वतंत्र हो जाये। भारत के साथ पाकिस्तानी रिश्तों को सुधारने की बात करने वालों पर निशाना साधते हुए फतेह ने कहा कि जो भारतीय पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते बनाना चाहते हैं उन्हें पाकिस्तान की वास्तविकता के बारे में बताना चाहिए और यदि उसके बावजूद वे पाकिस्तान के साथ रिश्तों में सुधार चाहते है तो इसका मतलब साफ है कि वे भारत हितैषी नहीं हैं। फतेह ने कहा  कि ऐसे लोगों को बेनकाब कर देना चाहिए। जो लोग भारत में रहकर भारत से नफरत करते हैं उन्हें भारत में रहने का कोई हक नहीं है। उन्हें धक्के दे कर बाहर कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त को भी वापस भेज देना चाहिए।

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