नोट बंदी का गम भूल जाएंगे आप, खिलेंगे चेहरे
नोट बंदी से परेशान हो रहे आम नागरिकों और व्यापारियों के लिए खुशखबरी देने वाली खबरें आने लगीं हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले वर्ष फरवरी में पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली कुबेर का खजाना बरसाने वाले हैं। इससे न केवल आम आदमी अथवा जरूरतमंद उपभोक्ता खुश होगा बल्कि व्यापारी वर्ग भी खुश होगा। सरकार फिलहाल ऐसी योजना बना रही है कि संकट से गुजर रहे प्रापर्टी व्यवसाय को कुछ राहत मिले। प्रापर्टी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए कई नई ऐसी योजनाएं सरकार की चलाने की मंशा है जिससे लोग आसानी से पहले से ज्यादा प्रापर्टी की खरीद-फरोख्त कर सकें। यह माना जा रहा है कि नोट बंदी से जमा रकम को सरकार गरीबों के लिए आवास योजना में कुछ राहत देने वाली है। चर्चा तो यहां तक है कि सरकार उन लोगों को बहुत कम दरों पर आवास लोन देने वाली है जिन्होंने अभी तक होम लोन के लिए अप्लाई नहीं किया है। संकेत मिले हैं कि मौजूदा समय में 13 से 14 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की जगह पर ये दरें मात्र छह या सात प्रतिशत वार्षिक दरों पर आसानी से लोन मिल सकेगा। दूसरी ओर नोट बंदी के बाद बैँकों में जमा राशि से होने वाले लाभ के लिए बैँकों पर दबाव डाला जा रहा है कि वह अपनी लोन दरें कम करें। ऐसा माना जा रहा है कि बैंक सरकार की मंशा के अनुरूप लोन दरों को कम करेंगी। इस तरह से आम जनता का दोहरा फायदा होगा। लोग सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के लोन लेकर अपने घर का सपना पूरा कर सकते हैं। इसलिए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि नोट बंदी का यह गम नए साल के तोहफों से छू मंतर हो जाएगा।
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