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Thursday, 24 November 2016

डिजिटल करंसी के चलन के फायदे और नुकसान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई दामोदार दास मोदी के नेतृत्व वाली सरकार देश में नई क्रांति लाकर अपने नाम नया इतिहास रचना चाहती है हालांकि आधा काम तय कर लिया है । शेष आधा काम वह डिजिटल इंडिया बनाकर करना चाहती है। इसके लिए देश के वह लोग सरकार का साथ देने को तैयार हैं जो आम आदमी हैं। गत आठ नवम्बर को नोट बंदी की घोषणा नई क्रांति की शुरुआत है। तब से आज तक लगातार सरकार कैशलेस ट्रांजेक्शन पर जोर दे रही है। इस तरह के ट्रंाजेक्शन के कई फायदे हैं तो कई नुकसान भी हैं क्योंकि बचपन में एक निबंध परीक्षाओं में बहुत आता था कि ‘साइंस इज ए गुड सर्वेंड बट ए बैड मास्टर’ उस समय तो कुछ समझ में आता नहीं था परन्तु आज उसका साफ मतलब समझ में आ रहा है कि यदि डिजिटल करेंसी के अनेक फायदे हैं तो इसके नुकसान भी ऐसे हैं कि आम आदमी सहन नहीं कर पाएगा। सबसे पहले हमें अपने देशवासियों को इसके लिए शिक्षित करना पड़ेगा क्योंकि हमारा कृषि प्रधान देश है और आज यहां गांवों में 80 प्रतिशत जनता अशिक्षित रहती है। इसके अलावा डिजिटल करंसी के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बहुत बड़े पैमाने पर चाहिए क्योंकि आज भी गांवों की बैँक शाखाओं में कम्प्यूटर पर काम नहीं हो पाता। देश के सबसे बड़े बैंक की ग्रामीण शाखाओं में सर्वर फेल और कम्प्यूटर खराब होने से हफ्तों काम नहीं हो पाता है। ऐसे में डिजिटल करेंसी से आम आदमी बहुत परेशान हो जाएगा। इन सारी सुविधाओं के बाद यदि डिजिटल करेंसी का चलन हो तो कोई बात नहीं। इसके बाद भी निगरानी का स्तर हमें चीन और अमेरिका के बराबर रखना होगा वरना यहां के लोग दिन-दहाड़े लुट जाएंगे और कोई कुछ नहीं कर पाएगा। साइबर क्राइम के विशेषज्ञों पर पार होना होगा। सबसे बड़ी आशंका तो यह है कि पूरे देशवासी बैंकों के बंधक हो जाएंगे। जैसा कि अभी हो गया है कि जरूरत पडऩे पर भी हम अपना पैसा बैंक से अपने मनमाने तरीके से नहीं निकाल पा रहे हैं।
 करना क्या होगा?
डिजिटल करंसी के चलन के लिए करना क्या होगा?.सबसे पहले देश के सभी नागरिकों को बैंक में खाता खुलवाना होगा और डेबिट या क्रेडिट कार्ड लेना होगा। इसके लिए सारी कागजी कार्यवाही पूरी करनी होगी।
बाधाएं
क. डिजिटल करंसी के संचालन के लिए हमारे पास अभी कैसी आधारभूत संरचना है और कैसी होनी चाहिए। ख.हमारे पास कैसी टेक्नॉलॉजी है और कैसी होनी चाहिए। ग. देश के गांवों में आज भी 80 प्रतिशत लोग अशिक्षित हैं, ये कैसे कर पाएंगे अपने काम।
फायदे
क.लेन-देन में भारी सुविधा होगी। ख.चोरी,छिनैती,लूट का खतरा समाप्त होगा। ग.भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। घ. लेन-देन में पारदर्शिता आएगी। ङ.टैक्स चोरी पर अंकुश लगेगा। च. अपराध और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए धन के इंतजाम पर रोक लगेगी। छ. जाली और नकली नोटों की समस्या पर लगेगा विराम।ज.बैंकों के पास विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में पूंजी रहेगी। झ. ई-कामर्स को मिलेगा बढ़ावा। ञ.बैंकिंग, टैक्स व्यवस्था और निगरानी आधुनिक होगी।
नुकसान
क.टेक्निकल समस्या से रोजाना दोचार होना होगा। ख.ताकतवर बैंकों और वित्तीय संस्थानों की मनमानी की आशंका। ग. हद से अधिक निगरानी की आशंका। घ. साइबर क्राइम व जालसाजी का खतरा बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने क्या कहा-
प्रधानमंत्री ने दिल्ली के विज्ञान भवन में संविधान दिवस से एक दिन पूर्व संविधान के डिजिटल संस्करण के उदघाटन समारोह में अपने भाषण में कहा कि  यदि आम लोग व्हॉट्सऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं तो मोबाइल के ज़रिए डिजिटिल करेंसी का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकते हैं? देश की कुल आबादी में 65 फ़ीसदी लोग युवा हैं और करोड़ों के पास स्मार्टफ़ोन हैं, ऐसे में हमें डिज़िटल करेंसी को बढ़ावा देना चाहिए। आठ नवंबर को जो हमने फ़ैसला लिया है उससे सबसे ज्य़ादा फ़ायदा नगर निगम और नगरपालिकाओं को हुआ है, उन्हें भारी टैक्स हासिल हुआ। देशहित में फ़ैसले लेने होते हैं और हमें उसका पालन भी करना होता है। लोगों को लगता है कि पिछले 70 सालों से संविधान का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया.

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