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Saturday, 26 November 2016

सविधान दिवस:ये खटपट ठीक है क्या?

आज संविधान दिवस है। हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमको यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे देश की कानून-व्यवस्था, नागरिकों से लेकर लोकसेवकों और उनपर निगरानी रखने वाले महामहिम राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश के अधिकार और कत्र्तव्य इसी संविधान की देन है। हमें इस दिन देश में संविधान की वास्तविक स्थिति और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा, इंसाफ पर विचार करना चाहिए। यही हो भी रहा है। लेकिन सभी का अपना-अपना दर्द है। इसी दर्द को लेकर छोटे-मोटे मनभेद तो चलते हैं लेकिन व्यवस्था को लेकर तीखे बयान शायद उचित नहीं। सुप्रीम कोर्ट के लॉन में आयोजित समारोह में जजों की कमी को लेकर न्यायपालिका ने अपना पक्ष रखा तो सरकार यानी कार्यपालिका का मर्म आहत हुआ तो उन्होंने न्यायपालिका को लक्ष्मण रेखा का संज्ञान करा दिया। इस पर न्यायपालिका ने नहले पर दहला मारते हुए अपनी अंतिम लक्ष्मण रेखा का भी संज्ञान करा दिया। लक्ष्मण रेखा सभी के लिए हैं। इसीलिए यह संविधान बना है और इसी संविधान के चलते आज देश 70 साल से बिना किसी व्यवधान के चल रहा है और इसी तरह चलता रहेगा।
  

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