new

Tuesday, 29 November 2016

व्यंग्य पुराण: जब नारद जी को पड़ गए लेने के देने

मुझ भक्त को छोड़ कर नारद जी मोदी-मोदी कह कर काला धन वाले किसी भक्त की तलाश में भटक रहे थे। वे ऐसी जगह पहुंच गए जहां पर कुछ महिलाएं नोटबंदी को कोसतीं हुईं आपस में चर्चा कर रहीं थीं कि पहली बार ऐसा देखा कि घर-घर की महिलाओं को किसी ने लक्ष्मी,गृह लक्ष्मी और महालक्ष्मी से कंगाल बना दिया हो। किसी का निकला हो या न निकला हो पर घर-घर की महिलाओं का काला धन जरूर बाहर निकल आया। एक महिला बोली,बहनों आजकल तो हालात बहुत खराब हैं, भला हो इस सरकार ने जिसने हमें पैसे-पैसे के लिए मोहताज बना दिया है। कुछ दिन के लिए अपने ही लोगों का मुंह ताकना होगा। कोई बात नहीं देश सुधरे तो हम यह भी त्याग,बलिदान करने को तैयार हैं। बस सरकार हमारी कमाई पर नजर न डाले। जैसे बेशरम की बेल कट जाने के कुछ दिन बाद हरी हो जाती है। हमारी भी बैंक खाली होने के बाद फिर भर जाएगी। हम मालामाल हो जाएंगे। लेकिन सुना है कि रुपया-पैसा चलना हो जाएगा बंद। मोबाइल से सारे काम होंगे तो फिर हमारी कमाई मारी जाएगी। लक्ष्मी जी की चर्चा सुनकर वहां से गुजर रहे नारदजी उन महिलाओं की बातें सुनने लगे लेकिन मोदी-मोदी की माला का जाप कर रहे थे। इन महिलाओं ने नारद जी का रुख देखा और मोदी-मोदी की आवाज सुनी तो भडक़ उठीं, उनमें से कुछ ऐसी भडक़ीं कि नारद जी को दौड़ा लिया। अब क्या नारद जी आगे-आगे और महिलाएं पीछे-पीछे। जब नारदजी की भागते-भागते सांस फूल गई तो कान पकड़ कर महिलाओं के समक्ष त्राहिमाम-त्राहिमाम करते हुए गिर पड़े। महिलाएं भी वहीं थम गईं। जब थोड़ी देर बाद नारदजी की हालात सामान्य हुई तो वे हाथ जोडक़र बोले कि देवियों मुझसे ऐसी कौन सी त्रुटि हो गई, जिससे क्रोधित होकर आप लोगों ने मेरी यह दशा बना डाली। मैं तो लक्ष्मी जी की चर्चा सुनकर आपकी ओर मुखातिब हुआ था।
उनमें से एक बोली,बड़ा आया मोदी का भक्त, पता है कि तेरे भगवान ने मुझे कंगाल बना दिया। अब तो निर्धन बनाने जा रहा है। कहा जा रहा है कि आने वाले समय में रुपया-पैसा बंद हो जाएगा। नौकरी करो या कारोबार, सारा पैसा मोबाइल से आएगा और मोबाइल से खर्च होगा। तो फिर हम लोग अब लक्ष्मी कहां रह जाएंगी। महिलाओं के इस दर्द को देखकर नारदजी रोने लगे। महिलाओं ने पूछा कि अब क्या हुआ तो उन्होंने त्रैलोकी का हाल बताया और लक्ष्मी जी की दशा का बयान किया। महिलाओं ने पूछा कि तब मोदी-मोदी क्यों रट रहे हो। लगता है कि कोई बड़े साधु हो तुम्हें तो भगवान का नाम जपना चाहिए। तब उन्होंने कहा कि मैं ब्रह्मर्षि नारद हूं और चौबीस घंटे हर पल नारायण-नारायण का जाप करता हूं। लेकिन नोट बंदी के बाद से जब देवताओं को मिलने वाले नोट में भारी कमी आ गई तो वहां भूचाल आ गया। हर देवता परेशान हो गया और लक्ष्मीजी तो इधर-उधर भाग-दौड़ कर रहीं हैं। उनका दुख था जब रुपया-पैसा बंद हो जाएगा तो लोग मेरी पूजा-आराधना करना बंद कर देंगे। आपका दुख देखकर लग रहा है कि माता लक्ष्मी का दुख अवश्य ही गंभीर है।
इस पर एक महिला बोली कि हमारी कोई काली कमाई नहीं थी। हम तो वो पैसे बचा लेते थे जो हमारे परिवार में जन्म से लेकर विवाह तक भाई-भतीजों से भेंट में मिल जाते थे। अब मोबाइल से कहां मिलेंगे। अरे वे हमारे परजे क्या करेंगे जिन्हें संस्कारों में जगह-जगह पर नेग मिलते थे। उन्हें कौन मोबाइल से पैसे देगा। इतना सुनते ही नारदजी वहां से अब मोबाइल-मोबाइल रटते हुए चल दिए।















No comments:

Post a Comment