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Saturday, 19 November 2016

कह गड़बड कविराय: वो काटा- वो काटा

काले धन वालों सबसे बड़ा पतंगबाज है कौन
सबकी पतंग काटे और हो जाए फिर मौन
हो जाए फिर मौन, नहीं है उनकी गलती
काले धन वालों की अपनी तानाशाही चलती
सत्तर सालों से लूट रहे देश हुआ कंगाल
उनके घर के कुत्ते-बिल्ली भी हुए मालामाल
पतंगबाज ने सबको दिया खुला आसमान
दो साल से कह रहा कर लो काम आसान
काला धन सफेद बना लो,बनो हिन्दुस्तानी
पर कालाधनियों ने एक भी बात न मानी
बेखौफ होकर बना रखा था दशकों पुराना ढर्रा
पकड़े गए तो छूट जाएंगे देकर सोना-चांदी,ठर्रा
पतंगबाज ने ताव में आकर मारा कानून का चांटा
कह गड़बड़ कविराय शोर मच गया वो काटा-वो काटा

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