रिजर्व बैंक पर्याप्त नोट दे पाने में असमर्थ, बैंकरों ने लिमिट बनाए रखने को कहा
नोट बंदी के निर्णय को गत 08 नवंबर को लागू करने के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 50 दिन का समय मांगा था और कहा था कि 30 दिसम्बर के बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी। अभी हाल ही में उन्होंने मुंबई की जनसभा में अपने रुख में थोड़ी तबदीली करते हुए कहा कि 30 दिसम्बर के बाद ईमानदारों की मुश्किलें कम होने लगेंगी यानी पूरी तरह से कम नहीं होंगी बल्कि कम होने लगेंगी। यह स्थिति आज सभी के सामने है कि रिजर्व बैंक फिलहाल बैंकों और एटीएम में पर्याप्त मात्रा में नई करंसी की आपूति करने की स्थिति में नहीं है। हाल की बैठक में बैंकरों ने रिजर्व बैंक से बैँकों और एटीएम से विदड्राल की लिमिट जारी रखने की सिफारिश की है। बैंकरों का कहना है कि यदि लिमिट हटा ली गई तो फिर अफरा-तफरी का माहोल बन जाएगा। केन्द्रीय वित्त सचिव अशोक लावास ने कहा कि 30 दिसम्बर को स्थिति की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। इस बीच बैंकरों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वर्तमान स्थिति को अभी कुछ दिन और बनाए रखना होगा। यह स्थिति तब तक बनाए रखनी होगी जब तक पर्याप्त मात्रा में नई करंसी की आपूर्ति बहाल न हो जाए।
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