31 मार्च तक रिजर्व बैंक में भी जमा कराने में होगी मुश्किल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत आठ नवंबर को लिये गये नोट बंदी के निर्णय के अनुसार 30 दिसंबर तक पुराने 500 व 1000 के नोट ही अपने बैंक खातों में जमा कराए जा सकते हैं। इसके बाद ये नोट सिर्फ रिजर्व बैँक के खास काउंटरों पर जमा कराए जा सकते हैं। इसके लिए अभी रिजर्व बैंक से गाइडलाइन आनी बाकी है। फिलहाल ये संकेत मिले हैं कि एक जनवरी, 2017 से 31 मार्च 2017 तक पुराने नोटों को बदलने के लिए आरबीआई के खास काउंटर खुले रहेंगे, लेकिन ये आम काउंटर की तरह नहीं होंगे। अनिवार्य स्थिति में ही इन काउंटरों पर नोट बदले जाएंगे। इसके लिए तमाम पूछताछ और कागजी खानापूरी करवाई जाएगी। रिजर्व बैंक के अधिकारी के संतुष्ट होने पर बहुत ही आवश्यक परिस्थितियों में बदले जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उस अध्यादेश को भी मंजूरी दे दी गई जिसमें भविष्य में कोई भी इन पुराने नोटों को लेकर कानूनी दावा पेश नहीं कर पाएगा।अध्यादेश के मुताबिक़ जिनके पास 10 से ज़्यादा पुराने नोट मिलेंगे, उन्हें जुर्माना भरना होगा और खास मामलों में चार साल की जेल भी हो सकती है। अभी तक यह साफ नहीं है कि इस सजा की व्यवस्था कब और कैसे होगी। 1978 में भी जब मोरारजी देसाई की सरकार ने 1,000, 5,000 और दस हज़ार के नोटों को रद्द किया था तो इसी तरह का अध्यादेश पारित किया गया था। अध्यादेश में लागू होने की तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति है। यह अभी स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह अध्यादेश्य 30 दिसंबर 2016 के बाद लागू होगा या 31 मार्च 2017 के बाद लागू होगा। मीडिया से आ रहीं खबरों पर भरोसा किया जाए तो यह अध्यादेश 31 मार्च 2017 के बाद लागू होगा।
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