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Friday, 23 December 2016

नोटबंदी: चार्टर्ड एकाउंटेंटों की चांदी ही चांदी

नए-नए गा्रहकों से फुल हैं सीए के कार्यालय

नोटबंदी और कालेधन और कर वंचकों को खोज निकालने के अभियान को लेकर सरकार साम,दाम के बाद दण्ड की प्रक्रिया अपना रही है। इसको लेकर देश में चौतरफा हाहाकार मचा हुआ है। आजादी के बाद लम्बे समय तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस इस अभियान के विपक्ष में खड़ी है जबकि सरकार की परेशानी यह है कि अर्थव्यवस्था की रीढ़ बने करदाता अपनी तिकड़मों से उसके जाल से बचते चले आ रहे हैं। हमारे सिस्टम की खराबी का लाभ उठाकर ये तिकड़मी करवंचक सरकार के जाल से बचने का हर तरह का रास्ता खोज लेते हैं। ऐसी स्थिति में उनकी मदद करते हैं प्रोफेशनल चार्टर्ड एकाउंटेंट। आज किसी भी चार्टर्ड एकाउंटेंट को आप गरीब नहीं पाएंगे। सक्षम सीए भी आज किसी मंत्री,विधायक से कम हैसियत नहीं रखते हैं। आज के माहौल में उनकी चारों तरफ चांदी ही चांदी है। आज किसी को फुरसत नहंीं हैं क्योंकि आज इन धनकुबेरों के दरवाजे पर पुराने दस ग्राहकों की अपेक्षा नए 100 ग्राहक खड़े होकर दस्तक दे रहे हैं। जैसे-जैसे 30 दिसम्बर नजदीक आ रहा है। करवंचक सीए की तलाश में तेजी से निकल रहे हैं। ऐसी चर्चा आम है कि कई झोलाछाप,नकली डिग्री वाले सीए भी चांदी कूट रहे हैं। इनका काम आयकर विभाग के छापामार दल कर्मचारी और करवंचकों के बीच समझौता कराना होता है। चर्चा हैकि बाद बाकी रास्ता आयकर विभाग के वे कर्मचारी बताते हैं, जो सेटलमेंट का रास्ता होता है। इसीलिए कहा जा रहा है कि नोटबंदी से भ्रष्टाचार घटेगा या बढ़ेगा? 

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