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Tuesday, 27 December 2016

रेल मुआवजा भाग दो: अंगों के नुकसान का विवरण


 आखिरी सिरे में एक पैर का अंग विच्छेद के लिए मिलने वाले मुआवजे की राशि 1,20,000 को बढ़ा कर 2,40,000 कर दिया गया है। यही नहीं मेटाटारसॉफेलेनजी संधि के निकट एक पैर के माध्यम से अंग विच्छेदन की हानि के लिए 1,20,000 के मुआवजे को बढ़ाकर 2,40,000रुपये कर दिया गया है। नीचे के अंगों के पक्षाघात के बिना रीढ़ की हड्डी में अस्थिभंग की हानि के लिए वर्तमान समय में तय 1,20,000 का मुआवजा अब बढ़ कर 2,40,000 हो गया है। आंख की बनावट में विरुपण के बिना एक आंख में दृष्टि हानि और दूसरी के सामान्य रहने पर, के मामले में मिलने वाला मुआवजा 1,20,000 को बढ़ाकर 2,40,000 कर दिया गया है। रेल मंत्रालय के अधिकृत सूत्रों के अनुसार मेटाटारसॉफेलेनजी संधि के निकट एक पैर की सभी अंगुलियों की हानि के लिए वर्तमान समय के 80,000 रुपये मुआवजे को बढ़ा कर 1,60,000 कर दिया गया है। इसी तरह कूल्हे के जोड़ का अस्थि भंग होने की स्थिति में मिलने वाला 80,000 रुपये का मुआवजा बढक़र 1,60,000 रुपये हो गया है।  दोनों अंगों के फीमर टिबिया बोन के अस्थिभंग के लिए वर्तमान समय के 80,000 के मुआवजे को बढ़ाकर 1,60,000 रुपये कर दिया गया है। यही नहीं दोनों अंगों के ह्यूमरस रेडियस बोन के अस्थिभंग के लिए निर्धारित 60,000 के मुआवजे को बढ़ाकर 1,20,000 कर दिया है। इसी तरह  जोड़ के बिना वस्ति अंग में अस्थिभंग के लिए वर्तमान समय में निर्धारित 40,000 के मुआवजे को 80,000 कर दिया गया है।  एक अंग के फीमर टिबिया बोन के अस्थिभंग के लिए 40,000 रुपये का मिलने वाला मुआवजा अब 80,000 रुपये हो गया है और  एक अंग के ह्यूमरस रेडियस उल्ना बोन के अस्थिभंग के लिए वर्तमान समय में मिलने वाला 32,000 रुपये के मुआवजे को बढ़ा कर 64,000 रुपये कर दिया है।

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