प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 दिसम्बर को अपने मन की बात के कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित करते हुए अनेक तरह के विचार प्रकट किए। जनता से मिले फीडबैक पर सरकार द्वारा की जा रही कार्यवाहियों को भी साझाा किया तथा आने वाले समय में अपनी सरकार के इरादों के बारे में संकेत दिया। मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। आप सभी को क्रिसमस की अनेक-अनेक शुभकामनायें। आज का दिन सेवा, त्याग और करुणा को अपने जीवन में महत्व देने का अवसर है। ईसा मसीह ने कहा कि गरीबों को हमारा उपकार नहीं, हमारा स्वीकार चाहिये। सेन्ट लुइस के गास्पेल में लिखा है जीसस ने न केवल गरीबों की सेवा की है, बल्कि गरीबों के द्वारा की गयी सेवा की भी सराहना की है और यही तो असली इम्पावरमेंट हैै। इससे जुड़ी एक कहानी भी बहुत प्रचलित है। उस कहानी में बताया गया है कि जीसस एक मंदिर के दान पात्र के पास खड़े थे। कई अमीर लोग आए, ढेर सारे दान दिए। उसके बाद एक गरीब विधवा आई और उसने दो तांबे के सिक्के डाले। एक तरह से देखा जाए दो तांबे के सिक्के, कुछ मायने नहीं रखते। वहाँ खड़े भक्तों के मन में, कौतुहल होना बड़ा स्वाभाविक था, तब जीसस ने कहा कि उस विधवा महिला ने सबसे ज्यादा दान किया है, क्योंकि औरों ने बहुत कुछ दिया, लेकिन इस विधवा ने तो अपना सब कुछ दे दिया है।
No comments:
Post a Comment