नोटबंदी से परेशान जनता को पीएम दे सकते हैं सौगात
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की जंग को जीतने के लिए सभी पार्टियां एड़ीचोटी का जोर लगा रहीं हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने जहां मात्र छह घंटे के भीतर 5500 योजनाओंं को उदघाटन व लोकार्पण करके जनता के बीच में अपनी छवि विकास पार्टी के रूप में पेश करने की भूमिका बना ली है। वहीं कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी रोज ही रोज जनाक्रोश रैली को संबोधित करके अपनी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में जागरुकता लाने की कोशिश कर रहे हैं। तीसरी पार्टी बहुजन समाज पार्टी की मुखिया सुश्री मायावती ने दलित और मुस्लिम के गठजोड़ से अपनी पार्टी को जिताने की रणनीति बनाई है। मायावती के सिपहसालारों ने मुस्लिमों के बीच में मायावती के खास संदेश पहुंचाने शुरू कर दिए हैं। इसके साथ सपा शासन में मुस्लिमों के साथ सिर्फ हुए दिखावा को भी पेश किया जा रहा है। सुनने में तो यहां तक आया था कि पिछली बार लैपटाप बांटने वाली समाजवादी पार्टी इस बार स्मार्ट फोन बांटने का भी ऐलान कर सकती है। हालांकि इस बार नोट बंदी, काला धन और आयकर का फंदा शायद समाजवादी पार्टी को ऐसा करने की इजाजत न दे। इसलिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ताबड़तोड़ तरीके से 5500 योजनाओं को जनता के बीच पहुंचा दिया। यह बात और है कि ये सभी योजनाएं अभी दूर की कौड़ी हैं। अब शेष रही भाजपा तो उसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूरा जोर लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत आठ नवंबर को नोटबंदी के निर्णय की घोषणा करने के बाद अपनी जापान यात्रा के दौरान यह संकेत दिए थे कि वह 30 दिसंबर को या उसके बाद कोई ऐसा ऐलान करेंगे जिससे जनता को राहत मिलेगी। अब वह समय धीरे-धीरे नजदीक आ रहा है। अटकलें लगनी शुरू हो गईं हैं। प्रधानमंत्री तीस दिसम्बर या दो जनवरी को चुनाव तिथियों की घोषणा से पहले लखनऊ में अपने कार्यक्रम के तहत ऐसी महत्वपूर्ण घोषणा करने वाले हैं जिससे नोटबंदी से त्रस्त जनता को मलहम लग सके। साथ ही उत्तर प्रदेश में भाजपा का रास्ता साफ हो सके।
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