अपने बेटे को नहीं बनाना चाहते मुख्यमंत्री पद का चेहरा
समाजवादी पार्टी में चचा-भतीजे की रार का उस समय पटाक्षेप हो गया जब पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अपना वीटो पॉवर यूज करके सपा के 325 टिकटों का ऐलान कर दिया। इनमें से अखिलेश समर्थकों के टिकट काट दिए हैं। इसे अखिलेश यादव फौरी तौर पर तिलमिला उठे हैं और एक कार्यक्रम में उत्तेजित समर्थकों को शांत करते हुए कहा कि वह नेताजी से पुन: बात करेंगे सीट जिताने वाले युवा नेताओं को टिकट देने के लिए मनाएंगे। वहीं दूसरी ओर से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि मुलायम सिंह खामोशी के साथ अखिलेश यादव को राष्ट्रीय राजनीति की ओर ले जाना चाहते हैं। बढ़ती उम्र के तकाजे से स्वयं भागदौड़ नहीं करना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि उनके सामने ही अखिलेश यादव पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व करें। मुलायम सिंह यादव बहुत ही मंझे हुए राजनीतिज्ञ हैं और उन्हें अभी से 2019 के लोकसभा चुनाव का ख्याल आ रहा है। वह इसी रणनीति के तहत अखिलेश को खामोशी के साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं। यूपी की कमान फिलहाल वह स्वयं संभालना चाहते है। यह रणनीति सपा के चाणक्य समझे जाने वाले अमर सिंह ने बनाई है। मुलायम सिंह यादव ने लखनऊ की प्रेस कांफ्रेंस में बहुत ही आत्म विश्वास के साथ इन टिकटों पर नामों की घोषणा की है और कहा कि सपा अपने बलबूते पर चुनाव लड़ेगी। टिकटों को ऐलान और अकेले चुनाव लडऩे के ऐलान ने अखिलेश यादव को फिलहाल हाशिये पर डाल दिया है लेकिन कहते हैं कि मुलायम सिंह यादव को अखिलेश के लिए कोईकाम करना होता है तो वह सीधे स्वयं नहीं करते बल्कि ऐसे अवसरों पर वे स्वयं तो खामोश रहते हैं और अपने समर्थको से वह अपना मनपसंद काम करवाते हैं ताकि परिवार का कोई सदस्य राजनीति को लेकर उन पर हावी न हो सके। इसके साथ ही मुलायम सिंह ने ये भी कहा कि इन चुनावों में मुख्यमंत्री पर का कोई चेहरा नहीं होगा।
No comments:
Post a Comment