सरकार ने नकदीरहित वित्त व्यवस्था को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से दो लाख रुपये से अधिक नकद लेन-देन के लिए सूचना देने का प्रावधान बनाया है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस तरह के लेन-देन के लिए आय-कर नियम 1962 के नियम 114ई के तहत नकद लेनदेन की सूचना देेने का नियम बनाया हैद्ध
सूत्रों के अनुसार वित्तीय लेनदेन के ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए आयकर नियम, 1962 का नियम 114ई, 01 अप्रैल 2016 से प्रभाव में आ चुका है। आयकर नियम, 1961 के खंड 44एबी के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति जो आडिट यानी लेखापरीक्षा के लिए जिम्मेदार है, उसे उत्पाद एवं सेवाओं की बिक्री के संबंध में 2,00,000 रुपये से अधिक के नकद लेनदेन की पावती संबंधी तमाम ब्यौरों की घोषणा नियम 114ई(2) के क्रम संख्या 11 के अतंर्गत करनी होगी। यदि कोई इस बारे में संदेह उठता है तो ऐसे लेनदेन को सूचना के लिए एकत्रित करने की ज़रूरत होगी। सूत्रों के अनुसार सीबीडीटी की 06 अक्टूर 2016 की अधिसूचना संख्या 91/2016 के तहत नियम 114ई के उप-नियम 3 में निहित एकत्रीकरण के मानदंडों को संशोधित किया गया है, जोकि यह दर्शाता था कि उत्पाद एवं सेवाओं की बिक्री के लिए 2,00,000 रुपये से अधिक के नकद भुगतान की पावती पर ब्यौरे को सूचित करने की ज़रूरत नहीं थी।
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