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Saturday, 31 December 2016

युवराज की ताजपोशी के मायने

महाराज वनवास सह लेंगे, लेकिन बाकी क्या चुप बैंठेंगे

समाजवादी की कुनबाई महाभारत के 18 घंटे का युद्ध समाप्त हो गया। युवराज अखिलेश यादव की ताजपोशी की तैयारियां बहुत जोर-शोर से शुरू हो रहीं हैं। जैसा कि खबरों में चल रहा है कि रविवार को बाकायदा युवराज की महाराज पद पर ताजपोशी हो भी जाएगी। महाराज को वनवास तो नहीं राजनिवास दे दिया जाएगा। सभी खुश हैं। क्या अमर सिंह, अतीक अहमद, शिवपाल सिंह यादव जैसे लोगों के दिल में क्या चल रहा होगा, इसका अनुमान किसी ने लगाया है। या तो ये मुलायम के पक्के भक्त हों और उनके इशारे पर चंद दिनों के लिए शांत हो कर बैठ जाएं वरना शिवपाल सिंह और मथुरा कांड का कनेक्शन उनका चाल-चरित्र सामने आता है। सपा से बेइज्जत होकर बाहर निकाले गए अमर सिंह अपने अपमान का घूंट यूं ही पी कर रह जाएंगे जब उन्हें भविष्य में सपा में अपनी वापसी की कोई संभावना न नजर आ रही हो। क्या वह शिवपाल सिंह यादव को फिर से नहीं भडक़ाएंगे। अमर सिंह के पास दिमाग है, पैसा है। वह सपा प्रमुख मुलायम सिंह के बहुत करीबी ही नहीं बल्कि अनेक अंतरंग बातों के राज जानते जो अभी तक राज बनीं हुईं है। पर्दाफाश हुआ तो सपा में विस्फोट हो जाएगा। इसके अलावा लाल बत्ती की आकांक्षा लिए अतीक अहमद चुप होकर रह जाएंगे, उनकी पैरवी तो लालू यादव करेंगे तो समधी की बात मुलायम सिंह और उनका वेटा काट पाएगा। कुल मिलाकर युवराज को कांटों का ताज मिलने जा रहा है और चुनाव सिर पर है। कहीं शिवपाल गुट भितरघात करके अखिलेश को करारी चोटयह सोंच कर न पहुंचा दें कि खाने को न मिलेगी तो बिखरा ही दें। यही हाल भाजपा के साथ दिल्ली और बिहार में हो चुका है परिणाम सामने है। अब यूपी में भाजपा के लिए भी कुछ अच्छी खबर नहीं है। आगे-आगे देखिये होता है क्या, सब कुछ वक्त बता देगा।

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