जनता को तकलीफ न हो,बेईमान गलत फायदा न उठा सकें
नोटबंदी के दौरान अफवाहें फैलाकर और अपने कुत्सित इरादों से आम जनता को भडक़ाने वाले राजनीतिक दलों को आड़े हाथ लेते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जो लोग खुल कर के भ्रष्टाचार और काले धन का समर्थन नहीं कर पाते हैं, वे सरकार की कमियाँ ढूंढने के लिए पूरी देर लगे रहते हैं। एक बात ये भी आती है बार-बार नियम क्यों बदलते हैं। ये सरकार जनता-जनार्दन के लिये है। जनता का लगातार फीडबैक लेने का प्रयास सरकार करती है। जनता-जनार्दन को कहाँ कठिनाई हो रही है! किस नियम के कारण दिक्कत आती है! उसका क्या रास्ता खोजा जा सकता है! हर पल सरकार एक सवेंदनशील सरकार होने के कारण जनता-जनार्दन की सुख-सुविधा को ध्यान में रखते हुए जितने भी नियम बदलने पड़ते हैं, ताकि लोगों की परेशानी कम हो। ईमानदारों की आड़ में दूसरा कोई उसका गलत लाभ न उठा सके। दूसरी तरफ, मैंने पहले ही दिन कहा था, 8 नवंबर को कहा था, ये लड़ाई असामान्य है। 70 साल से बेईमानी और भ्रष्टाचार के काले कारोबार में कैसी शक्तियाँ जुड़ी हुई है? उनकी ताकत कितनी है? ऐसे लोगों से मैंने जब मुकाबला करना ठान लिया है तो वे भी तो सरकार को पराजित करने के लिए रोज नये तरीके अपनाते हैं। जब वो नये तरीके अपनाते हैं तो हमें भी तो उसके काट के लिये नया तरीका अपनाना पड़ता है। तू डाल-डाल, तो मैं पात-पात, क्योंकि हमने तय किया है कि भ्रष्टाचारियों को, काले कारोबारों को, काले धन को, मिटाना है। दूसरी तरफ, कई लोगों के पत्र इस बात को लेकर के आए हैं जिसमें किस प्रकार की धाँधलियां हो रही हैं, किस प्रकार से नये-नये रास्ते खोजे जा रहे हैं इसकी चर्चा है।
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