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Thursday, 29 December 2016

नोटबंदी के बाद फलाफूला है कृषि व दुग्ध उत्पादन क्षेत्र

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने किया दावा

केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने  मंत्रालय में संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए दावा किया कि विमुद्रीकरण या नोटबंदी कृषि एवं दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में उल्टे असर दिखाई पड़े हैं। उन्होंने बताया कि रबी की फसल की बात की जाए तो पिछले वर्ष की अपेक्षा दस प्रतिशत अधिक बुआई की गई है। वहीं दूग्ध उत्पादन क्षेत्र ने भी प्रगति की है।  ्र
केंद्रीय कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि अगर दूध की बिक्री के आंकड़ों का अध्ययन करें तो पाएंगे कि इस पर विमुद्रीकरण का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है बल्कि दूध की बिक्री में सर्वथा वृद्धि ही हुई है। विमुद्रीकरण से पहले प्रतिदिन दूध की औसतन बिक्री जहां रु 64.55 करोड़ थी। वहीं विमुद्रीकरण के पश्चात नवंबर व दिसम्बर माह में यह बढक़र रु 74.25 करोड़ प्रतिदिन  हो गयी है। इसी प्रकार विमुद्रीकरण के पहले मदर डेयरी दूध की औसतन बिक्री जहां 28.06 लाख लीटर थी, जिसकी औसतन कीमत रु 11.42 करोड़ प्रतिदिन थी। वहीं विमुद्रीकरण के पश्चात नवंबरव दिसम्बर माह में यह बढक़र रु 29.61 लाख लीटर प्रतिदिन हुई जिसकी औसतन कीमत रु 12.05 करोड़ प्रतिदिन हो गयी है।इसके साथ ही  दिल्ली दुग्ध योजनान्तर्गत औसतन बिक्री जहां 2.70 लाख लीटर प्रतिदिन थी, जिसकी औसतन कीमत रु 1.05 करोड़ प्रतिदिन थी। वहीं विमुद्रीकरण के पश्चात नवंबर व दिसम्बर माह में यह बढक़र रु 2.76 लाख लीटर प्रतिदिन, जिसकी औसतन कीमत रु 1.07 करोड़ प्रतिदिन हो गयी है।


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