आयकर का भुगतान मार्च से अप्रैल के वित्त वर्ष की वाषिँक आय और आय के स्रोतों से एकत्रित आमदनी पर करना होता है। आईटीआर का मतलब आपको अपनी आय और व्यय का व्यौरा आयकर विभाग को ऑन लाइन देना होता है। यदि आपकी आय आयकर के स्लैब के दायरे में आती है तो स्लैब के अनुसार आपको आयकर जमा कराना होता है। इसके अतिरिक्त अंतिम तिथि से पूर्व आप आयकर का भुगतान कर भी देते हैं और अपने बचत एवं अन्य खर्चों से संबंधी कागजात आपके पास तत्काल मौजूद नहीं हैं तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। इन कागजातों को बाद में प्रस्तुत करने से आयकर विभाग आपके खाते से लिए गए अधिक पैसे वापस कर देता है। अब आते हैं आयकर का भुगतान की तिथि प्रत्येक वर्ष की 31 जुलाई को होती है। इस वर्ष सरकार ने यह तिथि बढ़ाकर 5 अगस्त 2016 कर दी थी। इस तिथि तक आपको अपना आयकर का भुगतान कर देना चाहिए। इससे आपको आयकर विभाग से मिलने वाले लाभ व छूट मिल सकती है। इकोनॉमिक टाइम्सके अनुसार यदि आप अंतिम तिथि तक अपना आयकर का भुगतान करने से चूक गए हों अथवा आईटीआर सबमिट करने से चूक गए हों तो घबराएं नहीं, यह कोई अपराध नहीं है। बस आपका इतना ही नुकसान है कि इस तिथि तक सरकार द्वारा जारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा। इसलिए बिना किसी घबराहट के आप अपने आयकर का भुगतान मार्च 2018 तक कभी भी कर सकते हैं बशर्ते आपको कारण बताना होगा
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