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Monday, 26 December 2016

पेट्रोल भरवाते समय मोबाइल वालेट का न करेें इस्तेमाल

पेट्रोलियम एण्ड एक्सप्लोसित आर्गेनाइजेशन ने किया अलर्ट

भारत सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दे रही है। एलपीजी और पेट्रोल लेने के बदले डिजिटल पेमेंट पर 0.75 प्रतिशत की छूट भी  दे ही है। इसके बावजूद पेट्रोलियम एण्ड एक्सप्लोसित आर्गेनाइजेशन(पेसो) ने उन लोगों को सतर्क किया है जो एलपीजी स्टोर से गैस लेते वक्त या पेट्रोल पंप से पेट्रोल भरवाते वक्त ई वालेट या पीओएस से भुगतान करते हैं। औद्योगिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने द हिन्दू को यह जानकारी देते हुए बताया कि हमने पेट्रोलियम मंत्रालय को यह बता दिया है कि पेट्रोल पंप पर वाहन में पेट्रोल भरवाते समय ई वालेट या पीओएस मशीन का उपयोग खतरनाक साबित हो सकता है। पेसो का उद्देश्य एक्सप्लोसिव एक्ट ऑफ 1884 और पेट्रोलियम एक्ट ऑफ 1934 को लागू करना है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के इंडस्ट्रियल एण्ड प्रमोशन डिपार्टमेंट ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट दे दी है। अधिकारी ने बताया कि अब पेट्रोलियम मंत्रालय की यह जिम्मेदारी है कि यह सुरक्षा संबंधी निर्देश अपने फुटकर आउटलेटस यानी पेट्रोलपंपों को पहुंचाएं और सुरक्षा उपाय करें।
ज्वाइंट चीफ कंट्रोलर एक्सप्लोसिव एनटी साहू ने हाल ही में उद्योग मंत्रालय को अपने लिखे खत में सह सूचित किया कि पेट्रोल रूल्स2002 के तहत लाइसेंसधारी पेट्रोल के आउटलेटस में निषिद्ध स्थान में ई-वालेट, पीएसओ इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे उपाय किए जाएं ताकि वहां किसी प्रकार की दुर्घटना न होने पाए।
पेट्रोल पम्प के आसपास इलेक्ट्रानिक उपकरणों के इस्तेमाल के नियमों के अनुसार दो खतरनाक जोन के पास विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। जोन-1 वह होता है जहां फ्यूल पम्प के बेस से 1.2 मीटर का एरिया और 45 सेंटीमीटर हॉरीजेंटल एरिया में इस तरह के उपकरणों का उपयोग प्रतिबंधित है। जोन-2 वह क्षेत्र है फ्यूल पम्प के कैबिनेट के 45 सेमी से छह मीटर के बीच के क्षेत्र में भी सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी के पूर्व वाइस चेयरमैन शशिधर रेड्डी ने पेट्रोलियम मंत्रालय और सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आवश्यक कदम उठाने के लिए खत लिख दिए हैं। उन्होंने खत में सभी आवश्यक निर्देश समुचित स्थान तक पहुंचाने को कहा है।

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