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Tuesday, 27 December 2016

मोदी जी का यह दांव उल्टा पड़ गया

दलालों व इन्वेस्टरों ने दिखाया रौद्र रूप, बाजार धड़ाम

अपनी हाल ही की मुंबई यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट के कार्यक्रम में उपस्थित स्टॉक मार्केट से जुड़ी हस्तियों को संबोधित करते हुए संकेत दिया था कि स्टॉक मार्केट से अच्छी कमाई करने वालों पर अधिक कर लगाया जा सकता है। उनका कहना था कि ये लोग आसानी से अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं तो यह उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे आगे बढ़ कर राष्ट्रनिर्माण में अपनी भूमिका निभाएं और अधिक कर दें। उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि आने वाले बजट में ऐसे लोगों पर अधिक कर लगाने के प्रावधान लाए जा सकते हैं। उनके इस बयान से बाजार के लोगों ने अपनी त्यौरियां चढ़ा लीं।  प्रधानमंत्री के बयान की गलती को सरकार के अन्य मंत्रियों ने भांपा तो उन्होंने जल्द ही डॅमेज कंट्रोल करने की कोशिशें शुरू कर दीं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार का ऐसा कर लगाने का कोई इरादा नहीं है। प्रधानमंत्री के बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया है उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा। इसके बावजूद स्टाक मार्केट के इन्वेस्टरों और दलालों को सरकार के चाल-चरित्र पर शक हो रहा है। इससे रुष्ट होकर बाजार में दलालों और इन्वेस्टरों ने अपना रौद्र रूप दिखाया ।परिणामस्वरूप सेंसेक्स पिछले एक माह में सबसे नीचे की ओर धड़ाम से गिर गया। सोमवार को 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 233.60 अंकों के साथ बंद हुआ जबकि इससे पूर्व 21 नवंबर को सबसे कम 25807 अंकों के साथ बंद हुआ था। तीस शेयर पैक वाले सेंसेक्स में दिन में 25 बार खतरे के संकेत दिखे। दलाल मार्केट ने भी नकारात्मक रुख दिखाया और यह 2062 अंक के पास दिखा जबकि बाद में बाजार ने 547 अंक उछाल पाकर भी स्थिति नियंत्रण में नहीं कर पाई। निफ्टी भी 7908 अंक नीचे समाप्त हुआ। इक्विटी मार्केट में टैक्स बढऩे का खतरा छाया रहा। शेयरखान लि. के हेर्ड रिसर्चर गौरव दुआ ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान के बाद वित्त मंत्री ने जिस तरह से सफाई दी थी उसके बाद भी इन्वेस्टर संतुष्ट नहंीं दिखे। प्रधानमंत्री ने शनिवार को कहा था कि स्टाक मार्केट से व्यक्तिगत करों का भुगतान तिमाही में गिरता जा रहा है, इस स्थिति को सुधारने के प्रयास किए जाएंगे। 

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