जाति-पाति,धर्म-कर्म छोड़ कर भ्रष्टाचार रहेगा मुख्य मुद्दा
देश की राजनीतिक दिशा तय करने वाले उत्तर प्रदेश पर कब्जा करने के लिए सपा,बसपा और भाजपा में होड़ मची हुई है। सपा बसपा तो अपने वजूद को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश चाहती है जबकि भाजपा प्रदेश में अपने पांव जमाकर 2019 के लोकसभा चुनाव जीतने की नींव को मजबूत करना चाहती है। सपा और बसपा से अधिक भाजपा के लिए करो या मरो की स्थिति है। यदि यह कहा जाए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूपी पर कब्जा करने के लिए नोट बंदी और कालेधन का अभियान चलाया है तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। भाजपा नेताओं की बात माने तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधा रास्ता अपने अभियान से तय कर दिया है। प्रदेश में भाजपा के पक्ष में लहर चल रही है बस इस लहर को वोट बैँक में बदलना बाकी है। जानकार सूत्रों की बात मानें तो भाजपा ने जाति-पाति,धर्म-कर्म को छोड़ कर भ्रष्टाचार का मुद्दा बनाने की रणनीति बनाई है। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव व कांग्रेसी नेताओं को घेरेगी। इस बीच जमीनी स्तर पर वोटरों को रिझाने और उन्हें समझाने के लिए आरएसएस, भाजयुमो, छात्र शाखा का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए लाखों युवाओं को मोटरसाइकिल से लैस कर गांव-गांव भेजा जाएगा और वे वहां जाकर बुुजुर्गोंं के पैर छूकर या अन्य तरीके से सम्मानित करेंगे और उन्हें नोटबंदी व प्रधानमंत्री के ईमानदारीपूर्ण इरादों से समझाएंगे साथ ही चौपालों में एकत्रित होकर प्रधानमंत्री की नीतियों और इरादों का प्रचार करेंगे। उनके इस प्रचार के दौरान डिजिटल पेमेंट पर चल रही इनामी योजना भी इस प्रचार में अपना काम करेगी। इस तरह से भाजपा ने यूपी पर कब्जा करने की अपनी रणनीति बनाई है।
No comments:
Post a Comment