प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को चार चांद लगाने की कवायद को उस समय बल मिला जब राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने विपक्षी दलों के तमाम विरोधों और पूर्व प्रधानमंत्री व अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के कटाक्षों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था की जमकर तारीफ की। उन्होंने हैदराबाद में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश वाणिज्य और उद्योग परिसंघ के शताब्दी वर्ष समारोह को संबोधित किरते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से विश्व में अपनी अमिट छाप छोडऩे जा रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत उच्च आर्थिक विकास के पथ पर छलांग लगाने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के एक दशक बाद भी दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अभी संघर्ष कर रही हैं, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि अगर हम कड़ी मेहनत और सामूहिक रूप से कार्य करते हैं तो हम राष्ट्रों एवं समुदायों के बीच अपने देश की एक सही जगह सुनिश्चित कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और भोजन जैसी बुनियादी मानवीय समस्याओं के समाधान की आवश्यकताओं पर ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया।
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