new

Sunday, 25 December 2016

मोदी के मन की बात: दिव्यांगों को हक दिलाने में कामयाब रहे

संसद के ठप रहने से जनता से लेकर राष्ट्रपति तक नाराज रहे

नोटबंदी के निर्णय के बाद संसद के सत्र में विपक्ष द्वारा लगातार डाले गऐ व्यवधान से खिन्न प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में कहा कि  इस बार संसद का सत्र देशवासियों की नाराजगी का कारण बना, चारों तरफ संसद के गतिविधि के संबंध में रोष प्रकट हुआ। राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति महोदय ने भी प्रकट रूप से नाराजगी व्यक्त की, लेकिन इस हालत में भी, कभी-कभी कुछ अच्छी बात भी हो जाती है और तब मन को एक बहुत संतोष मिलता है। संसद के हो-हल्ले के बीच एक ऐसा उत्तम काम हुआ जिसकी तरफ देश का ध्यान नहीं गया है। उन्होंने कहा कि आज मुझे इस बात को बताते हुए गर्व और हर्ष की अनुभूति हो रही है कि दिव्यांग-जनों पर जिस मिशन को ले करके मेरी सरकार चली थी, उससे जुड़ा एक बिल संसद में पारित हो गया, इसके लिये मैं लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूँ, देश के करोड़ों दिव्यांग-जनों की तरफ से आभार व्यक्त करता हूँ। दिव्यांगों के लिए हमारी सरकार बचनबद्ध है। पीएम ने कहा कि मैंने निजी-तौर पर भी इसे लेकर मुहिम को गति देने की कोशिश भी की है। मेरा इरादा था, दिव्यांग-जनों को उनका हक मिले, सम्मान मिले, जिसके वो अधिकारी हैं। हमारे प्रयासों और भरोसों को हमारे दिव्यांग भाई-बहनों ने उस वक््त और मजबूती दी जब वे पैरालम्पिक में चार र्मेडल जीत करके ले आये, उन्होंने अपनी जीत से न केवल देश का मान बढ़ाया बल्कि अपनी क्षमता से लोगों को आश्चर्य चकित भी कर दिया। हमारे दिव्यांग भाई-बहन भी देश के हर नागरिक की तरह हमारी एक अनमोल विरासत है, अनमोल शक्ति है। मैं आज बेहद खुश हूँ कि दिव्यांग-जनों के हित के लिए ये कानून पास होने के बाद दिव्यांगों के पास नौकरी के ज्यादा अवसर होंगे। सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा बढा करके 4प्रतिशत कर दी गयी है। इस कानून से दिव्यांगो की शिक्षा, सुविधा और शिकायतों के लिए विशेष प्रावधान भी किये गए हैं। दिव्यांगों को ले करके सरकार कितनी संवेदनशील है इसका अंदाज आप इस बात से लगा सकते हैं कि केंद्र सरकार ने पिछले दो वर्ष में दिव्यांग-जनों के लिए चार हजार तीन सौ पचास कैंप लगाए। तीन सौ बावन करोड़ रूपयों की राशि खर्च करके पाँच लाख अस्सी हजार दिव्यांग भाई-बहनों को उपकरण बाँटे। सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की भावना के अनुरूप ही नया कानून पारित किया है। पहले दिव्यांगों की श्रेणी सात प्रकार की हुआ करती थी, लेकिन अब कानून बना करके उसे इक्कीस प्रकार की कर दी गई हैं। इसमें चौदह नई श्रेणियाँ और जोड़ दी हैं। दिव्यांगों की कई ऐसी श्रेणियाँ शामिल की गयी हैं जिसे पहली बार न्याय मिला है, अवसर मिला है। जैसे थेलेसेमिया,पार्किन्सन, या फिर बौनापन, ऐसे क्षेत्रों को भी इस श्रेणी के साथ जोड़ दिया गया है। ऐसे लोगों को लाभ मिलेगा। 

No comments:

Post a Comment