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Tuesday, 27 December 2016

नोटबंदी ने पर्यटन क्षेत्र में लगाई छलांग

नवंबर में दस फीसदी अधिक पर्यटक भारत आए

सरकार को हुंई 14,474 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की आमदनी

गत आठ नवंबर को सरकार द्वारा नोटबंदी के निर्णय की घोषणा कर दी थी। इसके बाद तमाम मीडिया माध्यमों में यह प्रसारित हो रहा था कि विदेश से आने वाले पर्यटकों को नोटबंदी के नियमों से तमाम परेशानी हो रही है और वे अपने कार्यक्रम बीच में खत्म करके वापस लौट रहे हैं या फिर वे आने से बच रहे हैं। मुंबई,कोलकाता,दिल्ली,चेन्नई सहित अनेक पर्यटक शहरों से ये खबरें भी आ रहीं थी कि विदेशी पर्यटकों ने नोटबंदी के झंझट से बचने के लिए अपने लिए बुक कराई गई फ़्लाइट व होटल की बुकिंग कैंसिल करानी शुरू कर दी है। इससे इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार के पर्यटन मंत्रालय से जारी आंकड़ों ने तो कहानी ही उलट दी। नोटबंदी के बाद देश में पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष नवंबर माह में दस फीसदी अधिक पर्यटक आए और उनसे सरकार को 14,474 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की आमदनी हुई। नवंबर, 2016 के दौरान भारत आने वाले पर्यटकों में सर्वाधिक हिस्सा अमेरिका का रहा, जिसके बाद क्रमश: ब्रिटेन और बांग्लादेश का हिस्सा रहा ।
पर्यटन मंत्रालय के आप्रवासन ब्यूरो (बीओआई) से प्राप्त राष्ट्रीयता-वार एवं बंदरगाह-वार आंकड़ों के आधार पर विदेशी पर्यटकों के आगमन (एफटीए) के मासिक अनुमानों का संकलन करता है। इसी तरह पर्यटन मंत्रालय भारतीय रिजर्व बैंक से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर पर्यटन से प्राप्त विदेशी मुद्रा आमदनी (एफईई) का संकलन करता है।
बीओआई के अनुसार नवंबर, 2016 के दौरान एफटीए का आंकड़ा 8.91 लाख का रहा, जबकि नवंबर, 2015  में यह 8.16 लाख और नवंबर, 2014  में 7.65 लाख था। नवंबर, 2015 की तुलना में नवंबर, 2016 के दौरान इसमें 9.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
सूत्रों के अनुसार शीर्ष 15 स्रोत देशों में नवंबर, 2016 के दौरान भारत में एफटीए में सर्वाधिक हिस्सा अमेरिका (15.53 प्रतिशत) का रहा। इसके बाद हिस्सा क्रमश: ब्रिटेन (11.21प्रतिशत),  बांग्लादेश (10.72 प्रतिशत), कनाडा (4.66प्रतिशत), रूसी संघ (4.53प्रतिशत), ऑस्ट्रेलिया (4.04प्रतिशत),  मलेशिया (3.65 प्रतिशत), जर्मनी (3.53 प्रतिशत),  चीन (3.14प्रतिशत), फ्रांस (2.88 प्रतिशत), श्रीलंका (2.49प्रतिशत), जापान (2.49 प्रतिशत),  सिंगापुर (2.16प्रतिशत),  नेपाल (1.46प्रतिशत) और थाईलैंड (1.37प्रतिशत) का रहा।
शीर्ष 15 पोर्टों में नवंबर, 2016 के दौरान भारत में एफटीए में सर्वाधिक हिस्सा दिल्ली एयरपोर्ट (32.71 प्रतिशत) का रहा। इसके बाद हिस्सा क्रमश: मुंबई एयरपोर्ट (18.51प्रतिशत),  चेन्नई एयरपोर्ट (6.83प्रतिशत),  बेंगलुरू एयरपोर्ट (5.89प्रतिशत), हरिदासपुर लैंड चेक पोस्ट (5.87 प्रतिशत),   गोवा एयरपोर्ट (5.63 प्रतिशत),  कोलकाता एयरपोर्ट (3.90प्रतिशत), कोच्चि एयरपोर्ट (3.29 प्रतिशत), हैदराबाद एयरपोर्ट (3.14 प्रतिशत), अहमदाबाद एयरपोर्ट (2.76 प्रतिशत), त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट (1.54 प्रतिशत), त्रिची एयरपोर्ट (1.53 प्रतिशत), गेडे रेल (1.16प्रतिशत), अमृतसर एयरपोर्ट (1.15 प्रतिशत) और घोजाडंगा लैंड चेक पोस्ट (0.82प्रतिशत)  का रहा।
सूत्रों के अनुसार नवंबर, 2016 के दौरान एफईई 14,474 करोड़ रुपये की रही,  जबकि यह नवंबर 2015 में 12,649 करोड़ रुपये और नवंबर 2014 में 11,431 करोड़ रुपये थी।  नवंबर, 2016 के दौरान रुपये के लिहाज से एफईई में बढ़ोतरी नवंबर 2015 की तुलना में 14.4 प्रतिशत की रही। नवंबर 2014 की तुलना में नवंबर 2015 में 10.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। नवंबर, 2016 के दौरान अमेरिकी डॉलर के लिहाज से एफईई में नवंबर 2015 की तुलना में 12.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि नवंबर, 2014 की तुलना में नवंबर 2015 में इसमें 3.2 प्रतिशत की गिरावट आंकी गई थी।

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