प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत आठ नवंबर को नोट बंदी की घोषणा जिस आशा और उम्मीद से की थी उसका असर अब धीरे-धीरे दिख्नने लगा है। जहां तक आतंकवादी और नकली नोटों पर अंकुश का मामला है, उस रोक तो लगी है भले ही आंशिक रोक लगी हो। दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा काला धन था। उस पर भी धीरे-धीरे असर पडऩे लगा है। सरकार अपनी रफ्तार और कानून के दायरे में काम कर रही है। वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय तो इस अभियान के लिए तेजी से सक्रिय हैं। इसके साथ ही कई अन्य मंत्रालय भी योजना को सफल बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। नोट बंदी की घोषणा के बाद से आयकर विभाग तेजी से सक्रिय हो गया है और उसने अब तक देश भर में 400 से भी अधिक कालेधन के मामलें में काफी तेजी से जांच-पड़ताल की । सरकारी सूत्रों के अनुसार अभी तक विभाग ने 130 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की नकदी एवं गहने जब्त किए हैं तथा करदाताओं ने लगभग 2,000 करोड़ रुपये की अघोषित आय स्वीकार की, है। इसके अलावा आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में सामने आए गंभीर अनियमितताओं वाले मामले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई को सौंप दिए हैं। इनका निपटारा होने के बाद यह राशि देशवासियों को चौंकाने वाली राशि होगी। इससे सरकार के इस निर्णय के प्रति आम जनता के बीच विश्वास और अधिक बढ़ जाएगा। इसके साथ ही सरकारी इन योजनाओं को आम जनता का समर्थन और बढ़ जाएगा।
आम जनता ने बैंकों और एटीएम की लाइनों में तकलीफ उठाकर जिस तरह से समर्थन सरकार को दिया है उसके सुखद नतीजे जनता के सामने आने शुरू हो गए हैं।
आयकर अधिनियम से परे गंभीर अनियमितताओं का पता लगने के बाद सीबीडीटी ने इस तरह के मामलों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है। ऐसे में वे तत्काल आवश्यक कार्रवाई के लिये आपराधिक गतिविधियों की जांच कर सकते हैं। इस तरह के 30 से भी अधिक मामले पहले ही ईडी को सौंपे जा चुके हैं और अब इन्हें सीबीआई के हवाले भी किया जा रहा है।
आयकर विभाग की बेंगलुरू जांच इकाई ने अधिकतम 18 मामले ईडी को सौंपे हैं। ये ऐसे मामले हैं जिनमें उच्च मूल्य के नये नोटों वाली अघोषित नकदी विभाग द्वारा जब्त की गई है। मुम्बई इकाई ने एक ऐसा मामला सौंपा है, जिसमें 80 लाख रुपये के उच्च मूल्य वाले नये नोट जब्त किये गये हैं। लुधियाना इकाई ने ऐसे दो मामले सौंपे हैं जिनमें 14,000 अमेरिकी डॉलर एवं 72 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई है। हैदराबाद इकाई ने एक ऐसा मामला साझा किया है जिसमें टाटा इंडिका में सवार पांच लोगों से 95 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई है। पुणे इकाई ने जो मामला सौंपा है उसमें शहरी सहकारी बैंक के एक गैर-आवंटित लॉकर से 20 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई है, जिसमें 10 लाख रुपये के नये करेंसी नोट भी शामिल हैं। इस लॉकर की चाबी इस बैंक के सीईओ के पास थी। भोपाल इकाई द्वारा सौंपे गये दो मामले जौहरियों से जुड़े हुए हैं, जिनके खिलाफ बड़ी संख्या में बिलों पर पिछली तिथि दर्शाने और पैन की जानकारी देने संबंधी नियमों का उल्लंघन किये जाने के साक्ष्यों का पता चला है। यह जानकारी उनके यहां तलाशियों के दौरान सामने आई। दिल्ली इकाई द्वारा सौंपे गये मामलों में एक्सिस बैंक, कश्मीरी गेट का मामला भी शामिल है जिसमें हुई कालेधन की हेराफेरी में बैंक के अधिकारियों के लिप्त होने का पता चला है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि देश में अनेक बैंक शाखाओं का आडिट का काम चल रहा है। जल्द ही नया खुलासा हो सकता है।
आम जनता ने बैंकों और एटीएम की लाइनों में तकलीफ उठाकर जिस तरह से समर्थन सरकार को दिया है उसके सुखद नतीजे जनता के सामने आने शुरू हो गए हैं।
आयकर अधिनियम से परे गंभीर अनियमितताओं का पता लगने के बाद सीबीडीटी ने इस तरह के मामलों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है। ऐसे में वे तत्काल आवश्यक कार्रवाई के लिये आपराधिक गतिविधियों की जांच कर सकते हैं। इस तरह के 30 से भी अधिक मामले पहले ही ईडी को सौंपे जा चुके हैं और अब इन्हें सीबीआई के हवाले भी किया जा रहा है।
आयकर विभाग की बेंगलुरू जांच इकाई ने अधिकतम 18 मामले ईडी को सौंपे हैं। ये ऐसे मामले हैं जिनमें उच्च मूल्य के नये नोटों वाली अघोषित नकदी विभाग द्वारा जब्त की गई है। मुम्बई इकाई ने एक ऐसा मामला सौंपा है, जिसमें 80 लाख रुपये के उच्च मूल्य वाले नये नोट जब्त किये गये हैं। लुधियाना इकाई ने ऐसे दो मामले सौंपे हैं जिनमें 14,000 अमेरिकी डॉलर एवं 72 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई है। हैदराबाद इकाई ने एक ऐसा मामला साझा किया है जिसमें टाटा इंडिका में सवार पांच लोगों से 95 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई है। पुणे इकाई ने जो मामला सौंपा है उसमें शहरी सहकारी बैंक के एक गैर-आवंटित लॉकर से 20 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई है, जिसमें 10 लाख रुपये के नये करेंसी नोट भी शामिल हैं। इस लॉकर की चाबी इस बैंक के सीईओ के पास थी। भोपाल इकाई द्वारा सौंपे गये दो मामले जौहरियों से जुड़े हुए हैं, जिनके खिलाफ बड़ी संख्या में बिलों पर पिछली तिथि दर्शाने और पैन की जानकारी देने संबंधी नियमों का उल्लंघन किये जाने के साक्ष्यों का पता चला है। यह जानकारी उनके यहां तलाशियों के दौरान सामने आई। दिल्ली इकाई द्वारा सौंपे गये मामलों में एक्सिस बैंक, कश्मीरी गेट का मामला भी शामिल है जिसमें हुई कालेधन की हेराफेरी में बैंक के अधिकारियों के लिप्त होने का पता चला है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि देश में अनेक बैंक शाखाओं का आडिट का काम चल रहा है। जल्द ही नया खुलासा हो सकता है।
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