new

Tuesday, 6 December 2016

कैशलेस इकॉनमी:सरकार ने उठाए राहत भरे कदम

श्रमिकों को न हो परेशानी,शिविर लगवाए, खाते खुलवाए

बैंकों को 10 लाख और पीओएस मशीनें लगवाने के दिए निर्देश

केन्द्रीय सरकार ने देश के सर्वहारा वर्ग को कैशलेस लेन-देन से होने वाली असुविधा को देखते हुए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं और बैंकों को भी राहत देने के लिए कहा है। सरकार ने असंगठित कामगारों और श्रमिकों को जागरुक करने के लिए दो लाख से अधिक शिविर लगवाए और 25 लाख से अधिक खाते खुलवाए। घुमन्तू श्रमिकों को आधार कार्ड और एड्रेस प्रूफ के साथ खाते खुलवाने का बैंकों को निर्देश जारी किया गया ताकि बाहर काम करने के लिएआने वाले श्रमिकों को लेन-देन को लेकर किसी बात की परेशानी न हो।
केन्द्र सरकार मध्यम वर्ग और खाासकर अपने कर्मचारियों को नोटबंदी की समस्या से परेशान न होने देने के लिए पूरी तरह से संवेदनशील है। सरकार ने अपने कर्मचारियों को नोटबंदी के तत्काल बाद माह नवंबर के वेतन का एक हिस्सा नकदी के रूप में अपने कर्मचारियों को आवंटित किया ताकि वे कर्मचारी बैंकों और एटीएम की लाइनों में लगकर परेशान न हों। अब सरकार ने इन सभी कर्मचारियों के खाते खुलवाने के लिए सभी विभागों पर जोर दिया है और अप्रैल 2017 से सभी कर्मचारियों से कैशलेस लेन-देन अधिक से अधिक करने के लिए कहा गया है।
सरकार ने बैंकों को 31 मार्च, 2017 तक 10 लाख और नये पीओएस टर्मिनल लगाने का निर्देश दिया है। कैसलेस लेन-देन के प्रति जागरुक को असंगठित कामगारों के लिए 273919 शिविर लगाये गये। इन शिविरों में 24.54 लाख खाते खोले गये । डिजिटल भुगतान की योजना के तहत सरकार ने यह निर्णय लिया है कि 31 मार्च, 2017 तक 10 लाख और नये पीओएस टर्मिनल लगाये जाने चाहिए। इस लक्ष्य की पूर्ति हेतु बैंक पहले ही 6 लाख पीओएस मशीनों के लिए ऑर्डर दे चुके हैं, जबकि 4 लाख और पीओएस मशीनों के लिए ऑर्डर अगले कुछ दिनों में दे दिये जाने की आशा है। देश भर में फिलहाल विभिन्न कारोबारियों के यहां लगभग 15 लाख पीओएस टर्मिनल लगे हुये हैं। इस तरह से देश में 25 लाख से अधिक पीओएस सरकारी स्तर पर हो जाएंगे। इन्हें सुविधानुसार और आगे उपलब्ध कराया जा सकता है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय और राज्यों के प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से एक विशेष अभियान भी चलाया गया है, जिसके तहत विभिन्न स्थानों पर शिविर लगाकर असंगठित कामगारों के बैंक खाते खोले जा रहे हैं।
8 नवम्बर, 2016 की मध्यरात्रि से नोटबंदी की घोषणा को ध्यान में रखते हुए बैंक वास्तविक लेन-देन को सुविधाजनक बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। वहीं, अनियमित एवं अनधिकृत गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जा रही है। 3 दिसम्बर, 2016 से लेकर अब तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के 7 पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कुछ शाखाओं में ऑडिट कार्य कराया गया है। 

No comments:

Post a Comment