आज विश्व में सिंगापुर में सबसे अधिक 61 प्रतिशत कैशलेस व्यवस्था है। इसके बाद नीदरलैंड में 60 प्रतिशत, फ्रांस में 59, स्वीडन में 59 प्रतिशत कैशलेस व्यवस्था लागू है। कनाडा में 57 परसेंट, बेल्जियम में 56 परसेंट, यूके यानी ब्रिटेन में 52 परसेंट, और अमेरिका में 45 परसेंट कैशलेस प्रणाली लागू है।
आस्ट्रेलिया में 35 परसेंट, जर्मनी में 33 परसेंट, दक्षिण कोरिया में 29 परसेंट कैशलेस व्यवस्था लागू है। इसके अलावा स्पेन में 16, ब्राजील में 15, जापान में 14 और चीन में 10 परसेंट कैशलेस प्रणाली लागू है।
इन 15 देशों के अलावा बांगलादेश,अफगानिस्तान,पाकिस्तान में कैशलेस प्रणाली लागू करने की कोशिश की गई किन्तु वह पूरी तरह से सफल नहीं हो सकी। भारत में वर्तमान समय में मात्र दो प्रतिशत कैशलेस प्रणाली को फालो कर रहे हैंं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सख्त कदम उठाते हुए 98 प्रतिशत लोगों को इस प्रणाली में लाने का अभियान छेड़ा है। इस बारे में उनका यह मानना है कि देश में शत-प्रतिशत कैशलेस प्रणाली लागू नहीं की जा सकती। हाल ही में मन की बात के सातवें संस्करण में उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि पूरी तरह से कैशलेस प्रणाली नहीं लागू की जा सकती तो लेशकैश प्रणाली अपना ही सकता है। उनका मानना है कि आवश्यकता से अधिक मुद्रा का चलन भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है। इसलिए देश में नकदीरहित अर्थव्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है।
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