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Saturday, 3 December 2016

ये गिफ्ट है या काला धन?


नोटबंदी की वजह से एक तरफ जहां देशभर में लोग अपने ही पैसों के लिए बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी लाइन में लगे नजर आ रहे हैं, वहीं महाराष्ट्र से बीजेपी विधायक राम कदम जिनके ऐशोआराम और बढ़ गए। कदम ने कुछ दिन पहले अपने 13 साल के बेटे ओम के जन्मदिन पर उसे एक ब्रैंड न्यू मर्सेडीज़ कार गिफ्ट की। लेकिन जैसे ही कदम ने अपने बेटे के साथ उसके जन्मदिन के तोहफे की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की विवाद शुरू हो गया। यह सवाल उठ खड़ा हो गया कि प्रधानमंत्री कालेधन के खिलाफ अभियान चला रहे हैं वहीं राम कदम ये गिफ्ट का कौन सा खेल खेल रहे हैं। अब सवाल यह उठने लगा है कि ये गिफ्ट है या काला धन। उस पर सफाई इस तरह से दे रहे हैं कि पूरे देश के लोग इतना भी समझ नहीं पाएंग कि अपने घर में रहने वाले 13 साल के बच्चे के नाम कार खरीदना उसे गिफ्ट करना होता है। ये सरासर सरकार की आंखों में धूल झोंकना है और अपनी ही सरकार के कानूनों से खेलना है। सफाई देते है कि  मैंने चेक देकर वह कार खरीदी है। हकीकत यह है कि मैं और मेरा बेटा, हम दोनों कारों के लिए दीवाने हैं। जब कदम का बेटा ओम एक साल का था तब उन्होंने उसे पजेरो गिफ्ट की थी। सवाल उठता है िक एक साल का बच्चा पजेरो कार या उसके किसी कल पुर्जे के बारे में क्या जान सकता है, यह मजाक नहीं है तो क्या है? इसके बाद वह बताते हैं कि जब वह पांच साल का हुआ तो उसे गिफ्ट में बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज कार मिली। कदम बताते हैं, 'जब ओम 2 साल का था तो उसका पसंदीदा खिलौना कार की चाबियां थीं। कदम की कार कलेक्शन की बात करें तो उसमें 80 लाख की हमर, 55 लाख की लेक्सस, 3 करोड़ की बेंटली, 5 करोड़ की रॉल्सरॉयस गोस्ट और 1.5 करोड़ की जैगवार शामिल है। इनमें कदम की सबसे फेवरिट कार जैगवार है। कदम का बचपन विक्रोली स्लम में मुश्किल परिस्थितियों में और हर चीज से महरूम रहकर बीता। इसी का नतीजा है कि उन्हें महंगी कारों का शौक है। मैंने अपनी पहली कार 1998 में खरीदी थी जो एक टोयोटा कोरोला थी।
बात केवल राम कदम की नहीं है। ये बात है देश के सिस्टम से खेलने वालों की है। राम कदम ने अपनी बात उजागर करके यह संदेश दे दिया है कि बड़े लोग किस तरह से सरकारी सिस्टम से खेल कर अपनी मनमानी चलाते हैं। ये तो मात्र नमूना है। राम कदम से हजारों गुना बड़ी मछलियां देश को इसी तरह से अपना शिकार बना रहीं है। यही चिंता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सता रही है। वे देश के गरीबों की भलाई के लिए एक बार फिर फकीर बनने तक तैयार हैं। अब देश ही बताएं कि राम कदम का गिफ्ट वाला कदम, गिफ्ट है या काला धन?

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