अन्तर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस पर राष्ट्रपति ने दिव्यांगजनों को किया सम्मानित
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने कहा कि रोजगार दिव्यांगजनों के आर्थिक सशक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण कारक है। सरकारी मंत्रालयों एवं प्रतिष्ठानों में ऐसे आवेदकों के लिए रिक्तियां आरक्षित रखी गयी हैं। सरकार की राष्ट्रीय कौशल विकास कार्ययोजना 2022 तक 25 लाख दिव्यांगजनों को कवर करेगी जिससे कि उनकी रोजगारपरकता बढ़ाई जा सके। उन्होंने सार्वजनिक तथा निजी दोनों ही क्षेत्रों से इस प्रयास में सक्रिय साझेदार बनने की अपील की।उन्होंने कहा कि ‘सुगम्य भारत’ अभियान सार्वजनिक भवनों तथा सार्वजनिक परिवहन की बाधा रहित सुविधा के सृजन में एक अच्छा कदम है। इसी प्रकार, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने कई प्रकार से दिव्यांगजनों के रोजमर्रा के जीवन को बेहतर बनाने में योगदान दिया है। इससे आधुनिक साधन एवं
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रारंभिक अभिज्ञान और कारगर उपायों के महत्व पर कभी भी पर्याप्त जोर नहीं दिया जा सकता। कई सरल पूर्व-सावधानी वाले कदम बीमारियों एवं जीर्ण रोग स्थितियों से बचाव कर सकते हैं जिनसे विशेष रूप से संभावित आयु समूहों के बीच विकलांगता उत्पन्न हो सकती है। टीकाकरण, रोग रोकथाम, बेहतर सफाई, स्वच्छता एवं पोषण, व्यापक मातृत्व एवं नवजात देखभाल ऐसे ही क्षेत्र हैं,जहां हमें मजबूती से प्रयास करने की आवश्यकता है। हमारा मीडिया जागरूकता का सृजन करने और इस संबंध में सकारात्मक कहानियों को प्रचारित करने में अहम भूमिका का निर्वाह कर सकते हैं। इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले और श्री कृषण पाल गुर्जर भी शामिल थे।
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