वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह दावा किया है कि नोट बंदी के बाद से होने वाली परेशानी अधिक दिनों तक नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि नई करंसी के आने में अधिक समय नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने बड़े बैंक नोटों को बंद करने का दुस्साहसिक फैसला लिया है और अब इन बड़े नोटों के बड़े हिस्से को कैशलेस व्यवस्था में परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई करेंसी से अर्थव्यवस्था का पुर्नमुद्रीकरण करने में अब और अधिक समय नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि यह भारत में ही यह क्षमता है कि वह इस तरह के कठोर फैसले को लागू कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के साहसिक प्रयोग करना हमारे वश में है, इसका लाभ हमें यह मिल रहा है कि आज विश्व के देश हमारी ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के निर्णय लेने के लिए गजब का साहस व चौड़े कंधों की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि एक बार पुर्नमुद्रीकरण कर कार्य पूर्ण हुआ तो फिर आम जनता को होने वाली सारी परेशानी खत्म हो जाएंगी और उन्हें फिर इसके लाभ मिलने भी शुरू हो सकते हैं। उन्होंने आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद यह कदम उठाने के बारे में कहा कि साधारण तौर पर लोग इसे स्वीकार करने की स्थिति में नहीं थे । जैसा कुछ चला रहा था लोग उसके आदी हो गए थे। उन्होंने कहा कि कोई भी नकद मुद्रा का बड़ा भाग जो जीडीपी का एक हिस्सा होता है, उसके लिए जोखिम नहीं लेना चाहते थे लेकिन इससे सामाजिक-आर्थिक माहौल पर उल्टा असर पड़ रहा था। इससे लोग बैंकिंग सिस्टम और टैक्स प्रणाली के सूराखों का लाभ उठाकर नकदी का जमकर दुरुपयोग कर रहे थे। सांसदों का एक वर्ग इन सबसे लापरवाह है। उस समय इस सुझाव का मजाक उड़ाया गया था कि प्रत्येक गरीब के हाथों मं मोबाइल फोन होना चाहिए। लेकिन कुछ ही वर्षों के बाद आज यह सच लग रहा है कि सभी के पास मोबाइल फोन है। इसलिए अब इस सिद्धांत को लागू करके लेशकैस इकोनमी के अभियान को डिजिटल पेमेंट के द्वारा चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल 75 करोड़ डेबिट और क्रेडिट एवं विभिन्न प्रकार के ई वालेट प्रयोग में लाये जा चुके हैं अब इन्हें थोड़ा और बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि पुर्नमुद्रीकरण की सम्पूर्ण प्रक्रिया को लगू करने अधिक समय नहीं लगने वाला है।
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Sunday, 18 December 2016
नई करंसी आने में ज्यादा देर नहीं लगेगी:जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह दावा किया है कि नोट बंदी के बाद से होने वाली परेशानी अधिक दिनों तक नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि नई करंसी के आने में अधिक समय नहीं लगेगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने बड़े बैंक नोटों को बंद करने का दुस्साहसिक फैसला लिया है और अब इन बड़े नोटों के बड़े हिस्से को कैशलेस व्यवस्था में परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई करेंसी से अर्थव्यवस्था का पुर्नमुद्रीकरण करने में अब और अधिक समय नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि यह भारत में ही यह क्षमता है कि वह इस तरह के कठोर फैसले को लागू कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के साहसिक प्रयोग करना हमारे वश में है, इसका लाभ हमें यह मिल रहा है कि आज विश्व के देश हमारी ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के निर्णय लेने के लिए गजब का साहस व चौड़े कंधों की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि एक बार पुर्नमुद्रीकरण कर कार्य पूर्ण हुआ तो फिर आम जनता को होने वाली सारी परेशानी खत्म हो जाएंगी और उन्हें फिर इसके लाभ मिलने भी शुरू हो सकते हैं। उन्होंने आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद यह कदम उठाने के बारे में कहा कि साधारण तौर पर लोग इसे स्वीकार करने की स्थिति में नहीं थे । जैसा कुछ चला रहा था लोग उसके आदी हो गए थे। उन्होंने कहा कि कोई भी नकद मुद्रा का बड़ा भाग जो जीडीपी का एक हिस्सा होता है, उसके लिए जोखिम नहीं लेना चाहते थे लेकिन इससे सामाजिक-आर्थिक माहौल पर उल्टा असर पड़ रहा था। इससे लोग बैंकिंग सिस्टम और टैक्स प्रणाली के सूराखों का लाभ उठाकर नकदी का जमकर दुरुपयोग कर रहे थे। सांसदों का एक वर्ग इन सबसे लापरवाह है। उस समय इस सुझाव का मजाक उड़ाया गया था कि प्रत्येक गरीब के हाथों मं मोबाइल फोन होना चाहिए। लेकिन कुछ ही वर्षों के बाद आज यह सच लग रहा है कि सभी के पास मोबाइल फोन है। इसलिए अब इस सिद्धांत को लागू करके लेशकैस इकोनमी के अभियान को डिजिटल पेमेंट के द्वारा चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल 75 करोड़ डेबिट और क्रेडिट एवं विभिन्न प्रकार के ई वालेट प्रयोग में लाये जा चुके हैं अब इन्हें थोड़ा और बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि पुर्नमुद्रीकरण की सम्पूर्ण प्रक्रिया को लगू करने अधिक समय नहीं लगने वाला है।
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