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Sunday, 18 December 2016

चंदे के लिए राजनीतिक दलों को विशेष छूट नहीं: वित्त मंत्रालय


वित्त मंत्रालय ने राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में मिलने वाली राशि के बारे मिलने वाली छूट के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि कुछ समाचार पत्रों में छपी रिपोर्ट से इस तरह के गलत संकेत मिलते हैं कि पुराने करेंसी नोटों को जमा करने के परिप्रेक्ष्य में चुनाव आयोग में पंजीकृत राजनीतिक दलों के आयकर रिटर्न की कोई जांच नहीं हो सकती। मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार ऐसा लगता है कि इस तरह के निष्कर्ष इस तथ्य की वजह से निकाले गए हैं कि राजनीतिक दलों की आय को खंड-13ए के तहत आयकर से छूट प्राप्त है।
मंत्रालय ने अपने स्पष्टीकरण के बारे में बताया कि राजनीतिक दलों को पुराने करंसी के नोटों के बारे में कई अन्य शर्तों को लगाया है। पहली शर्त के रूप में आयकर से छूट कुछ खास शर्तों के तहत केवल पंजीकृत राजनीतिक दलों को दी जाती है। जिनका जिक्र खंड-13ए में है। इसमें बहीखातों का रख-रखाव तथा अन्य दस्तावेज शामिल हैं, जिससे निर्धारण अधिकारी उनकी आय को घटाने में समर्थ हो सकें।
दूसरी शर्त यह रखी गई है कि 20,000 रुपये से अधिक के प्रत्येक स्वैच्छिक योगदान के संबंध में राजनीतिक दल को ऐसा योगदान देने वाले व्यक्ति के नाम एवं पते समेत ऐसे योगदानों के रिकॉर्ड का रख-रखाव करना आवश्यक होगा। तीसरी शर्त यह है कि ऐसे प्रत्येक राजनीतिक दल के खातों का एक चार्टर्ड एकाउंटेंड द्वारा लेखा परीक्षण किया जाएगा। चौथी शर्त यह है कि राजनीतिक दल को एक अनुशंसित समय सीमा के भीतर ऐसे प्राप्त अनुदानों के बारे में चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। आयकर अधिनियम में राजनीतिक दलों के खातों की जांच करने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं तथा ऐसे राजनीतिक दल रिटर्न भरने समेत आयकर के अन्य प्रावधानों के भी विषय हैं। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि राजनीतिक दलों को कोई विशेष छूट नहीं दी गई है। 

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