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Tuesday, 20 December 2016

राजनीति दलों को आयकर से छूट क्यों?

सुप्रीम कोर्ट मामले को लेकर गंभीर, हो सकती है सुनवाई

राजनीतिक दलों को चंदे मेंं मिल रही छूट की चर्चा के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक मामला यह पहुंचा है कि आयकर अधिनियम और जनप्रतिनिधि अधिनियम के प्रावधानों के तहत राजनीतिक दलों को शत-प्रतिशत छूट क्यों दी जाती है। इस आशय की एक याचिका सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर करते हुए संविधान में प्रदत्त आयकर अधिनियम 1961 की धारा 13 ए और जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 29 को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि जब देश का आम आदमी टैक्स चुकाता है तो ऐसी स्थिति राजनीतिक दल कर से छूट का लाभ कैसे ले सकते हैं। रिट में कहा गया है कि चुनाव आयोग में उन रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों को शत-प्रतिशत आयकर से छूट दी जाती है , जो हर वर्ष के अपना आयकर रिटर्न भरते हैं और अपने खातों में दर्ज आय-व्यय का आडिट कराते हैं। श्री शर्मा ने कहा कि मौजूदा समय में यह रिट इसलिए दायर की गई है क्योंकि वित्त सचिव ने गत 16 दिसम्बर को यह ऐलान किया था कि आयकर अधिनियम की धारा 13 ए के तहत राजनीतिक दलों को चंदे के रूप में दिए जाने वाले पुराने नोटों पर आयकर की पूरी छूट मिलेगी। याचिकाकर्ता ने कहा कि भारतीय नागरिकों के वित्तीय और जनजीवन पर होने वाला यह गंभीर हमला है। उन्होंने कहा कि इसे नहंीं रोका गया तो भारतीय नागरिकों के जनजीवन,सामाजिम के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। 

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