नोटबंदी को लेकर भारत में विपक्षी दल भले ही आलोचना करने में लगे हों और फैसले पर उंगली उठा रहे हों लेकिन उनके फैसले को लेकर विश्व के कई देश उत्साहित हैं। वेनेजुएला ने अपने यहां की गड़बड़ाई अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए अपने यहां चल रहे सबसे बड़ी मुद्रा 100 बोलियर के नोट को बंद करने का ऐलान किया। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अपने इस फैसले का ऐलान तो कर दिया लेकिन उन्हें यह फैसला इसलिए लेना पड़ा कि इस नोट के बदलने के लिए जो करंसी देश में आने वाली थी, वो विमान समय पर नहीं पहुंचे। इसके कारण वहां की जनता विरोध में आ गई और विपक्षी दलों ने जनता का साथ देकर उसे भडक़ाने का काम किया। इसके बाद देश में अफरातफरी का माहोल बन गया। इससे देश की नाजुक स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति मादुरो तत्काल रूप से नोट बदली का यह फैसला वापस ले लिया है और यह संकेत दिया है कि यदि सबकुछ सामान्य रहा तो नए साल के पहले माह जनवरी में यह फैसला सारी तैयारियों के बाद लागू किया जा सकता है। इस मामले में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भाग्यशाली रहे कि देश की जनता ने तकलीफ उठाकर पूरा सहयोग दिया और अभी सहयोग जारी है।
वेनेजुएला के बाद आस्ट्रेलिया ने अपनी बिखरी अर्थव्यवस्था और ब्लैक मनी को बाहर निकालने के लिए अपने यहां सर्वाधिक प्रचलित 100 डॉलर के नोट को बंद करने का निश्चय किया है। वहां के राजस्व एवं वित्तीय मामलों के मंत्री ने यह संकेत दिया है कि आस्ट्रेलिया अपनी अर्थव्यवस्था को ब्लैक मनी के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए 100 डॉलर के नोट को बंद करने जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में देश में प्रचलित अन्य मुद्राओं की अपेक्षा 100 डॉलर के नोट का अधिक प्रचलन में है। यह संकेत मिल रहा है कि कालेधन के रूप में इस नोट को भारी पैमाने पर इकट्ठा किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने संकेत दिया कि देश की ब्लैकमनी को बाहर निकालने के लिए वह भारतीय फैसले का अनुसरण कर सकता है।
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