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Thursday, 8 December 2016

डिजिटल पेमेंट पर मिलेगी आधा परसेंट से 10 परसेंट तक की छूट

वित्त मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों की 70 करोड़ की आबादी को जोड़ेगा अभियान से

सरकार अब डिजिटल और लेस-कैश इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए साम,दाम,दण्ड और भेद का रास्ता अपना रही है। पहले दण्ड का रास्ता अपना कर नोटबंदी का फैसला सुनाया और लोगों पर तरह-तरह के कानून लगाए। अब इन कानूनों के तहत पकड़-धकड़ तेज होने की तैयारी चल रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली लगातार यह संदेश दे रहे हैं कि ईमानदार लोग घबराएं नहीं, बेईमानों को बख्शा नहीं जाए चाहे वे जमीन छोड़ कर पाताल में भी छिप जाएं। इन दोनों का यह संदेश केवल काला धन वालों के खिलाफ ही नहीं है बल्कि सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ है जो इस काम में लगे हुए हैं।
वित्त मंत्रालय ने डिजिटल और लेस-कैश इकोनॉमी के लिए देशवासियों को आधा प्रतिशत से लेकर दस प्रतिशत तक की छूट देने की घोषणा की है। वित्त मंत्रालय के इस पैकेज में ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल अभियान को तेज करने पर जोर दिया गया है। मंत्रालय ने फिलहाल देश के 70 करोड़ की आबादी को इस अभियान से सीधे जोडऩे का इरादा किया है।

पेट्रोल भरवाने पर मिलेगा 0.75 परसेंट की रियायत

वित्त मंत्रालय के अनुसार डिजिटल तरीके से पेमेंट करने पर सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां पेट्रोल या डीजल की बिक्री पर ग्राहकों को 0.75 प्रतिशत की रियायत देंगी। ऐसे पेट्रोलपंपों पर हर रोज 4.5 करोड़ लोग पेट्रोल या डीजल भरवाते हैं, जिन्हें इस स्कीम का फायदा मिल सकता है। एक अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन 1800 करोड़ का पेट्रोल/डीजल लोगों को बेचा जाता है। इसमें से 20 प्रतिशत का पेमेंट डिजिटल तरीके से किया जाता था। नवंबर के महीने में ये बढक़र 40 प्रतिशत तक पहुंच गया है। 360 करोड़ रुपए प्रतिदिन का कैशट्रांजेक्शन अब डिजिटल माध्यमों से होने लगा है। इस स्कीम के बाद 30 प्रतिशत और ग्राहकों के डिजिटल पेमेंट की तरफ बढऩे की संभावना है। इससे पेट्रोलपंपों पर सालाना 2 लाख करोड़ रुपए के कैश की आवश्यकता भी कम होगी।

दस हजार की आबादी वाले गांव ऐसे जुड़ेंगे अभियान से

सरकारी सूत्रों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पेमेंट को आसान बनाने के लिए सरकार नाबार्ड की मदद से बैंकों को आर्थिक मदद देगी। प्रयास है कि 10 हजार से कम आबादी वाले 1 लाख गांवों में 2 पीओएस मशीनें अवश्य हों। ये पीओएस मशीनें प्राइमरी कॉपरेटिवसोसायटी/दुग्ध सोसायटी/ कृषि से जुड़ा सामान बेचने वाले डीलरों के पास लगाई जाएंगी ताकि खेती से जुड़ी चीजों के लिए लेन-देन डिजिटल तरीके से हो सके। इस स्कीम का फायदा एक लाख गांवों में रहने वाले किसानों को होगा। इससे 75 करोड़ की कुल आबादी कवर होगी जो गांवों में खेती से जुड़ी जरूरतों के लिए डिजिटल तरीके से लेन-देन करेगी।   नाबार्ड की मदद से सरकार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और कॉपरेटिव बैंकों को रूपे किसान कार्ड जारी करने में सहायता करेगी। 4 करोड़ 32 लाख किसान क्रेडिट कार्ड रखने वाले धारकों को रूपे किसान कार्ड वितरित किए जाएंगे ताकि वो पीओएस मशीनों के जरिए डिजिटल पेमेंट कर सकें।

रेलयात्रियों को मिलेगी 0.5 परसेंट की छूट

 रेलवे के सब-अर्बन रेलवे नेटवर्क में मासिक और सीजनल टिकट के लिए डिजिटल तरीके से पेमेंट करने वालों को 0.5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। ये छूट 1 जनवरी 2017 से खरीदे जाने वाले टिकटों पर मिलेगी। उपनगरीय रेलवे में लगभग 80 लाख यात्री मासिक या सीजनल टिकट ज्यादातर कैश देकर ही खरीदते हैं। ऐसे टिकट के लिए प्रतिवर्ष लगभग 2 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। जब ज्यादा से ज्यादा यात्री डिजिटल पेमेंट की तरफ बढ़ेंगे तो भविष्य में टिकट खरीदने के लिए नकद राशि की मांग 1000 करोड़ रुपए तक कम हो सकती है।

दुर्घटना बीमा मु$फ्त में मिलेगा

रेलवे में ऑनलाइन टिकट बुक कराने वालों को 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा मुफ्त दिया जाएगा। प्रतिदिन 14 लाख रेलवे यात्री टिकट खरीदते हैं जिनसे में 58 प्रतिशत टिकट ऑनलाइन खरीदे जाते हैं। उम्मीद है कि इस कदम के बाद 20 प्रतिशत और यात्री टिकट बुक कराने के लिए डिजिटल पेमेंट की तरफ बढ़ेंगे। ऐसा होने पर प्रतिदिन लगभग 11 लाख रेल यात्री प्रतिदिन दुर्घटना बीमा स्कीम के तहत कवर होंगे।

कारपोरेशंस सेवाओं में मिलेगी 5 प्रतिशत की छूट 

रेल अपनी मान्यता प्राप्त इकाइयों और कोरपोरेशंस द्वारा सशुल्क सेवाएं भी उपलब्ध कराती है जैसे केटरिंग, ठहरने की सुविधा, विश्रामगृह इत्यादि। इन सुविधाओं के लिए डिजिटल तरीके से पेमेंट करने पर 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। रेलवे से सफर करने वाले हर यात्री को इसका फायदा मिलेगा।

बीमा कंपनियां देगी आठ से दस प्रतिशत का डिस्काउंट  

सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियां कस्टमर पोर्टल के जरिए डिजिटल पेमेंट किए जाने पर जनरल इंश्योरेंसपॉलिसी के समय प्रीमियम में 10 प्रतिशत तक का डिस्काउंट या क्रेडिट देंगी। इसके अलावा लाइफ इंश्योरेंसकॉरपोरेशन में नई जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम में 8 प्रतिशत का डिस्काउंट या क्रेडिट दिया जाएगा।

ग्राहकों पर न लगे ट्रांजेक्शन फीस ऐसे होंगे उपाय

केंद्र सरकार के विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थान ये सुनिश्चित करेंगे कि डिजिटल पेमेंट करने पर ट्रांजेक्शन फीस या सरचार्ज ग्राहकों से ना वसूला जाए। ये चार्ज इन विभागों या संस्थानों को खुद वहन करना होगा। राज्य सरकारो को भी सलाह दी गई है कि राज्य सरकार के विभाग और संस्थाएं डिजिटल पेमेंट किए जाने पर ग्राहकों से ट्रांजेक्शन फीस या सरचार्ज ना वसूलें।

कोई भी बैंक 100 रुपये प्रतिमाह से अधिक किराया न ले

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सलाह दी गई है कि वो डिजिटल सेवाओं के लिए 100 रुपए प्रतिमाह से ज्यादा मासिक किराया ना वसूलें। इससे छोटे कारोबारियों को भी डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम से जुडऩे में मदद मिलेगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा लगभग 6.5 लाख मशीनें व्यापारियों को दी गई हैं जिन्हें कम किराए का लाभ मिलेगा। किराया कम होने की वजह से और ज्यादा व्यापारी ऐसी मशीनों को लगाने और डिजिटल पेमेंट के लिए प्रोत्साहित होंगे।

2000 के ट्रांजेक्शन पर नहीं लगेगा सर्विस चार्ज

डिजिटल तरीके से 2000 रुपए तक के ट्रांजेक्शन पर अब कोई सर्विस चार्ज नहीं लिया जाएगा और ना ही रूष्ठक्र ( मर्चेंट डिस्काउंट रेट) वसूला जाएगा।

टोल प्लाजा पर मिलेगी 10 परसेंट की छूट

आरएफआईडी कार्ड / फास्ट टैग का उपयोग कर राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल प्लाजा पर टोल का भुगतान के लिए, 10 परसेंट की छूट वर्ष 2016-17 में उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हो जाएगा

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