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Sunday, 11 December 2016

वाह रे गुजरात के सपूत!

दयानन्द, गांधी,पटेल के  बाद अब बारी है मोदी की 

जब-जब देश महासंकट में फंसा तब-तब गुजरात से आया महामानव

आजादी मिलने के बाद देश लगातार झंझटों में फंसता जा रहा था। पूरे 70 साल बीतने के बाद जब देश में लूटमार, जोर-जर्बदस्ती,अत्याचार,अनाचार,  चंद अमीरों के काले कारनामें बढ़ते जा रहे है। ऐसी स्थिति में ईमानदार भारतीय आज चारों ओर पिस रहा है, बेइमान अपनी तिकड़मी चालों से राज कर रहा है। सरकारें आ रहीं हैं जा रहीं है और चंद बेंईमानों के सामने हांफ रहीं हैं। आज देश के लिए यह जुमला बन गया है कि  100 में से 80 बेईमान फिर भी देश महान। इन स्थितियों केा देखते हुए केन्द्र में सत्तारूढ़ होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने प्रयासों से देश की तकदीर बदलने के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं।
ऐसी स्थिति को देखते हुए हमें गुजरात के उन महान सपूतों की याद आ गई।  गुजरात की धरती मां ने भारत मां की गोद में चार अमर सपूत दिए हैं। इन अमर सपूतों ने गुजरात की धरती मां की लाज हीं नहीं रखी बल्कि अपनी मेहनत और कोशिशों से गुजरात की साख में चार चांद लगा दिए। ये सभी महामानव उस समय देश में आगे बढ़ कर आए जब-जब देश महासंकटर में फंसा हुआ था। इन्हीं सभी सपूतों ने देश को झंझावात से आसानी से बाहर निकाल कर खुशहाली लाने का रास्ता साफ किया।  ये अमर सपूत हैं महर्षि दयानन्द सरस्वती, मोहन दास कर्मचन्द गांधी,सरदार वल्लभ भाई पटेल और नरेन्द्र मोदी।
आज जब नरेन्द्र मोदी फिर देश के लिए अपना घर-परिवार त्याग कर 24 घंटों में से 18 घंटे जाग कर अपनी मेहनत करके देशवासियों को न्याय दिलाने के लिए अपनी कोशिशें तेज कर रहे हैं। ऐसी दशा में इन चारों अमर सपूतों की याद आती है कि वे कैसे समय में देश में प्रकट हुए और उन्होंने क्या-क्या किया? देश को आसानी से संकट उबार लिया।
महर्षि दयानन्द सरस्वती उस समय प्रकट हुए जब देश गुलामी के साथ तरह-तरह  की कुरीतियों से ग्रस्त होकर गर्त में गिरता चला जा रहा था। स्वामीजी ने अपने अनवरत प्रयासों से देश का उद्धार किया इसके लिए उन्होंने अपने प्राण भी न्यौछावर कर दिए। दूसरे सपूत मोहन दास कर्मचंद गांधी यानी महात्मा गांधी ने देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी और देश को आजादी दिलाई। आजादी के बाद की गड़बड़ स्थिति को सुधारने के लिए तीसरे अमर सपूत सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश के लिए जीतोड़ मेहनत करके देशवासियों के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया।
गुजरात के चौथे सपूत नरेन्द्र मोदी देश की तकदीर संवारने में जुटे हुए हैं। उन्होंने काफी कुछ सफलता पा भी ली है और सफलता मिलेगी। देशवासियों का जिस तरह से उन्होंने विश्वास पाया है। वैसा किसी जननेता ने अभी तक नहीं पाया है। 

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