राहुल गांधी को मोदी ने दिया करारा जवाब
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के बनासकांठा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर तीखा वार करते हुए कहा कि मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है, इसलिए जनसभा में बोल रहा हूं। इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री लोकसभा से भाग रहे हैं। मैं नोट बंदी पर चर्चा करना चाहता हूं। प्रधानमंत्री ने नोट बंदी काला धन और सीमा पार से आने वाली नकली मुद्रा को रोकने के लिए जरूरी बताया अब वे कैशलेस इकोनॉमी की ओर भाग रहे हैं। वे लोकसभा से भी भाग रहे हैं पता नहीं उनके मन में किस बात की हिचक है। इसका करारा जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है इसलिए जनसभा में बोल रहा हूं। उनका इशारा नोट बंदी को लेकर लगातार पिछले 15 दिनों से संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे की ओर था। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें राष्ट्रपति ने सांसदों को लताड़ लगाते हुए संसद की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने की अपील की थी। कहीं प्रधानमंत्री की विपक्ष को परोक्ष रूप से चेतावनी तो नहीं है कि मुझे विवश न किया जाए नहीं तो जनसभा में कच्चा चिट्ठा खोल दिया जाएगा।प्रधानमंत्री के इस बयान ने नई बहस शुरू कर दी है कि लोकसभा बड़ी या जनसभा? किसी नेता से कहेंगे तो वह लोकसभा को ही बड़ा बताएगा क्योंकि वहीं उसका सबकुछ है और देश का सर्वोच्च न्याय का मंदिर है। लेकिन यदि संविधान और लोकतांत्रिक प्रणाली की ओर देखा जाए तो जनता जनार्दन ही और उसकी सभा सबसे बड़ी है।लोकसभा तो वह स्थान है जहां इसी जनता के प्रतिनिधि चुन कर जाते हैं लेकिन 55 प्रतिशत वोटों में जीतने वाले नेता को 100 प्रतिशत जनता का प्रतिनिधि नहीं माना जा सकता है। इस पर नये सिरे से विचार करने की आवश्यकता है।
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