अभी से ही लोगों के बीच यह चर्चा तेज हो गई है कि कौन बचेगा और कौन फंसेगा आयकर के जाल में? ढाई लाख और जनधन खाते के 50 हजार से अधिक वालों के कान अभी से खड़े हो गए हैं। सरकार ने अपनी दो साल पुरानी स्वैच्छिक आय घोषणा करने वाली स्कीम लागू कर दी है। इससे लोगों को यह भ्रम हो गया था कि उनके पास चाहे जितना काला धन रखा हो वह अपनी मर्जी से घोषित करके और उस पर कर अदा करके आसानी से बच सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि वित्त मंत्री अरुण जेटली से स्पष्ट कर दिया है कि काला धन जमा करने से सफेद नहीं हो जाएगा। हाल के दो उदाहरण सामने आए हैं जब अहमदाबाद के महेश शाह द्वारा स्वघोषित आय को सरकार ने उनकी आय मानने से इनकार कर दिया और ऐसा ही मुंबई के एक परिवार की 200 लाख की आय को भी उनकी आय मानने से इनकार कर दिया। इसका मतलब यह है कि आयकर के जाल से केवल वे ही बच पाएंगे जिनके अकाउंट में ढाई लाख या जन धन खाते में 50हजार का टर्न ओवर पहले भी हो चुका है और उनके आय के स्रोतों से इतनी रकम बन सकती है। ऐसे लोग वे पकड़े जाएंगे जिनका आयकर रिटर्न नहीं भरा जाता है या कई सालों से नहीं भरा गया है वे अपनी आय की घोषणा करके सरकारी स्कीम का फायदा उठाकर 50 प्रतिशत की राशि बचा सकते हैं। यदि ये लोग अपनी आय नहीं बताते हैं और सरकार उनकी इस कारगुजारी को पकड़ती है तो उस पर 85 प्रतिशत कर और सरचार्ज लगेगा। इससे पहले जब आपका खाता पकड़ा जाएगा तो आपको नोटिस भेजा जाएगा। नोटिस मिलने का मतलब सीधा जेल या जुर्माना अथवा अन्य कुछ नहीं है। बल्कि आपको मौका दिया जाता है कि आप अपने धन को घोषित आय के मुबाबिक साबित करके उसे सफेद धन बना लें। नोटिस का जवाब दिए गए समय में पूरा करें। यदि आपके जवाब से आयकर विभाग संतुष्ट हो जाएगा तो आपके साथ न्यायपूर्वक कार्य करेगा और आप उसके जाल में नहीं फंसेंगे। आपके जवाब में कोई कमी होगी तो उस पर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा यदि स्पष्टीकरण भी संतोषजनक न हुआ तो विभाग फिर आपको बुला सकता है। इसके बाद आमने-सामने कई तरह के सवाल जवाब होंगे। आप अपने साथ अपने सहायक के रूप में अपना सीए या उसका सहायक ले जा सकते हैं। जो आपको जवाब देने में सहायता करेगा। यदि मामला अधिक गंभीर होगा तभी आपसे अकेले में पूछताछ की जाएगी और आपसे जानकारी मांगी जाएगी। सहयोग करने पर आपके साथ विभाग नरमी से पेश आएगा। वरना कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।
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